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बाजार ने इन फैसलों को काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया। शायद बाजार को मेरे लेख के शीर्षक “सरकार के फैसलों से बाजार में कितना जगेगा उत्साह?” में लगा प्रश्नचिह्न ही ज्यादा पसंद आया! दूसरी ओर रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी के मद्देनजर कुछ चुनिंदा रियल एस्टेट शेयरों पर दबाव जरूर दिखा, जैसा अनुमान मैंने लगाया था। इसका मोटा मतलब यह है कि बाजार अभी अच्छी खबरों को नजरअंदाज करने और बुरी खबरों पर प्रतिक्रिया देने के मिजाज में है।
खैर, तकनीकी लिहाज से कल मैंने जिक्र किया था कि इस हफ्ते निफ्टी पहले 5942, फिर 5970-6000 के दायरे और उसके बाद 6050 के आसपास तक लौटने की एक कोशिश कर सकता है। कल निचले स्तरों से इसने वापस सँभलने की कोशिश तो की, लेकिन यह 5935 पर ही अटक गया, पिछले दिन का ऊपरी स्तर पार करने या छूने की बात तो दूर रही। इस प्रक्रिया में निफ्टी ने लगातार चौथे दिन निचला शिखर और निचली तलहटी बनायी। यह बाजार की चाल कमजोर रहने का साफ संकेत है। इससे उबरने के लिए जरूरी होगा कि यह कम-से-कम पिछले सत्र के ऊपरी स्तर (बुधवार का ऊपरी स्तर 5935) पार कर सके।
लेकिन अगर निफ्टी फ्यूचर की बात करें तो आक्रामक कारोबारियों के लिए भी मैं कहूँगा कि 5955 पार होने के बाद ही वे खरीदारी की सोचें। उनके लिए ऊपर के लक्ष्य 5985-5995 के हो सकते हैं। लेकिन अगर उनकी खरीदारी के बाद यह नीचे आने लगे तो घाटा काटने के लिए 5935 का स्तर चुना जा सकता है। यह तो रही आक्रामक खिलाड़ियों की बात। अगर सामान्य जोखिम लेने वाले कारोबारियों की बात करें तो उनके लिए खरीदारी सौदे में उतरना 6000 पार होने के बाद ही मुनासिब होगा।
दूसरी ओर अगर शुरुआत से निफ्टी कमजोर दिखे तो फ्यूचर भाव 5918 के नीचे जाने पर बिकवाली की जा सकती है। वैसी स्थिति में नीचे 5900 और फिर 5868 के लक्ष्य मिल सकते हैं। लेकिन यह बिकवाली उल्टी पड़ने पर घाटा काटने के लिए 5930 पर खतरे का निशान लगा लें। आक्रामक कारोबारी चाहें तो 5925 के नीचे जाते ही बिकवाली कर सकते हैं। उन्हें थोड़ा ज्यादा जोखिम लेकर घाटा काटने के लिए 5940 पार होने तक इंतजार करना चाहिए।
यहाँ याद दिला दूँ कि यह सौदा वायदा (एफएंडओ) कारोबार का है। जिन्हें इसकी बारीकियाँ पता हों, उन्हें ही ऐसे सौदों में उतरने का जोखिम लेना चाहिए। दूसरी बात, मेरी इन बातों को एक अनाड़ी की सलाह समझें और खुद अपनी समझ या किसी जानकार की सलाह के आधार पर कोई फैसला करें। मेरी सारी बातें बस बाजार की चाल को समझने में आपकी मदद के लिए हैं, इससे ज्यादा इनका कोई मतलब नहीं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 06 जून 2013)
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