लगातार कमजोरी के बीच मंगलवार को भारतीय बाजार में हरियाली लौटी थी, मगर बुधवार को बाजार फिर से फिसल गया।
पिछली तारीख से कर लागू होने संबंधी विवाद के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रही। साथ ही तिमाही नतीजों में कोई सुधार नहीं दिखने से बाजार ठंडा है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण विधेयक के टल जाने के कारण भी बाजार में उत्साह कम हुआ है।
बीएसई (BSE) का सेंसेक्स (Sensex) 170 अंक या 0.62% गिर कर 27,226 पर बंद हुआ। वहीं एनएसई (NSE) का निफ्टी (NSE) 46 अंक या 0.55% नीचे आ कर 8,240 पर बंद हुआ। वायदा निपटान (एक्सपायरी) से एक दिन पहले बाजार में कई बार खरीदारी और बिकवाली का उभार होता रहा। मोटे तौर पर सेंसेक्स को नीचे 27,200 के पास सहारा मिलता रहा, जबकि ऊपर 27,400 को पार कर के हरे निशान में लौटने की इसकी कोशिशें नाकाम होती रहीं। निफ्टी ऊपर 8,308 तक जाने के बाद पलटा और इसका दिन का निचला स्तर 8,219 का रहा।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में भारती एयरटेल अपने तिमाही नतीजों के बाद बाजार की पहली प्रतिक्रिया में 3.32% लुढ़क गया। यह आज सेंसेक्स का सबसे कमजोर शेयर रहा। साथ ही आईटीसी (-2.76%), सेसा स्टरलाइट (-2.15%), एचडीएफसी (-2.11%), टाटा मोटर्स (-1.87%) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (-1.59%) में भी कमजोरी रही। दूसरी ओर ऐक्सिस बैंक (3.30%), गेल (2.01%), विप्रो (1.87%), सन फार्मा (1.61%), आईसीआईसीआई बैंक (1.07%) और हीरो मोटोकॉर्प (0.70%) में तेजी का रुझान रहा।
हालाँकि दूसरी ओर छोटे-मँझोले सूचकांक हरे निशान में नजर आये। बीएसई मिडकैप में 0.39% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.10% की बढ़त दर्ज हुई। वहीं एनएसई में सीएनएक्स मिडकैप ने 0.55% और सीएनएक्स स्मॉलकैप ने 0.67% की मजबूती हासिल की। (शेयर मंथन, 29 अप्रैल 2015)
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