अक्टूबर 2008 के बाद पहली बार कोई कंपनी भारत के आईपीओ बाजार की वैतरणी पार करने में सफल रही है। एडसर्व सॉफ्टसिस्टम्स ने अपने आईपीओ में आखिरकार 1.3 गुना आवेदन जुटा लिये हैं। कंपनी का इश्यू 5 से 9 फरवरी तक खुला था और इसमें बोली का दायरा 55-60 रुपये प्रति शेयर का था। इश्यू खुलने के शुरुआती दो-तीन दिनों तक इस बेहद छोटे आईपीओ पर निवेशकों का जरा भी ध्यान नहीं गया था। ऐसा लगता है कि आखिरी घंटे में कुछ निवेशकों की दिलचस्पी जगी और किसी तरह इस इश्यू को जरूरी आवेदन जुटाने में कामयाबी मिल गयी।
एडसर्व करीब 7 साल पुरानी कंपनी है। यह आईटी शिक्षा, प्लेसमेंट, और सॉफ्टवेयर विकास के कारोबार करती है। कंपनी ने इश्यू से पहले कुछ समृद्ध निवेशकों (एचएनआई) और व्यक्तिगत खुदरा निवेशकों के समूह को 60 रुपये के भाव पर शेयर जारी किये थे। खास बात यह है कि महज 21.86-23.84 करोड़ रुपये का यह छोटा इश्यू कमजोर बाजार में एक कमजोर रेटिंग के साथ सफल हो गया। रेटिंग एजेंसी केयर ने इस इश्यू को ग्रेड 1 रेटिंग दी थी, जो बुनियादी रूप से कमजोर कंपनी का सूचक है।
बीते 4 महीने आईपीओ बाजार के लिए बिल्कुल सूखे महीने रहे हैं। पिछला सफल आईपीओ अल्कली मेटल्स का था, जो 15 अक्टूबर को बंद हुआ था। इस इश्यू के जरिये अल्कली मेटल्स ने 103 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 26.27 करोड़ रुपये जुटाये थे। करीब 12.6% के नुकसान के साथ 90 रुपये पर लिस्ट होने के बाद आज मंगलवार को यह शेयर 169 रुपये पर बंद हुआ है। अल्कली मेटल्स से पहले के 2 आईपीओ भी बेहद छोटे थे। सितंबर 2008 में केमसेल बायोटेक ने 24.64 करोड़ रुपये और 20 माइक्रॉन्स ने 23.93 करोड़ रुपये जुटाये थे। केमसेल 16 रुपये के इश्यू भाव के बराबर ही लिस्ट हुआ था और अभी इसका भाव 4.80 रुपये है। वहीं 55 रुपये पर इश्यू लाने वाली 20 माइक्रॉन्स की लिस्टिंग 50 रुपये पर हुई थी, लेकिन अभी इसका भाव महज 17.15 रुपये है। सितंबर 2008 से अब तक के चारों ही आईपीओ 22-26 करोड़ रुपये के रहे हैं।
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