त्योहारों के मौसम में सोने-चांदी के आयात में वृद्धि से भारत के व्यापार घाटा में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली। यह अक्तूबर में बढ़ कर 31.5 अरब डॉलर पर पहँच गया। इस दौरान निर्यात में भी सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली।
अक्तूबर में उत्पाद निर्यात 11 महीने में सबसे तेज रफ्तार (6.2%) से बढ़ कर 33.6 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य विभाग ने बुधवार (15 नवंबर) को यह आँकड़े जारी किये। इसमें बताया गया है कि आयात 13 महीनों में सबसे तेज गति (12.3%) से बढ़ कर 65.03 अरब डॉलर हो गया। अक्तूबर में सोने का आयात 95.4% बढ़ कर 7.2 अरब डॉलर और चांदी का आयात 124.6% बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि सरकार का मानना है कि अक्तूबर के आँकड़े आर्थिक स्थिति में स्थिरता की ओर इशारा करते हैं। हमने इनकी बात अगस्त के डाटा के दौरान की थी और अब स्थिति सामान्य होने की तरफ बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि हम पिछले साल के उच्च आँकड़े जल्द पार कर पायेंगे।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटी के दामों में कमी के बावजूद यह हो रहा है। ऊँची ब्याज दरों और विनिमय दरों के साथ इस स्थिति में सुधार चुनौतीपूर्ण होगा। हम नये बाजारों का भी आकलन कर रहे हैं, जिन्हें हम लक्ष्य बना सकते हैं।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अक्तूबर में वस्तुओं का व्यापार घाटा बढ़कर 22.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी। अनुमान से अधिक व्यापार घाटा बढ़ने की वजह सोना और तेल के आयात में वृद्धि है। नवंबर में गैर तेल आयात में नरमी रहने का अनुमान है और इस माह होने वाली छुट्टियों को देखते हुए निर्यात में भी कमी आ सकती है। नायर ने कहा कि इस चालू माह का व्यापार घाटा 22-25 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
(शेयर मंथन 16 नवंबर 2023)