भारतीय रिजर्व बैंक ने FY24 का सालाना रिपोर्ट जारी किया है। FY24 में आरबीआई के बैलेंस शीट में 11.1% की बढ़ोतरी देखने को मिली है, वहीं RBI के खर्चों में 56.3% की कमी आई है।
FY24 में घरेलू शुद्ध आय 5.7% बढ़कर 88,100 करोड़ रुपये रही है। विदेशी साधनों से आय 23.2% बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये रही है।
फाइनेंशियल मार्केट में सेल्फ रेगुलेटरी इकाई के लिए नियम आएंगे। FY24 में शुद्ध आय 87,420 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.11 लाख करोड़ रुपये रहा है। तमाम चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था में वृद्धि दिखी है। FY24 में कुल खर्च 1.48 लाख करोड़ रुपये से घटकर 64,694 करोड़ रुपये रही है। आरबीआई लिक्विडिटी मैनेजमेंट ऑपरेशन के लिए तकनीक को अपग्रेड करेगी। महंगाई में कमी से खपत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। FY25 में GDP ग्रोथ का अनुमान 7% है। अच्छी बारिश से बेहतर खेती की उम्मीद जताई गई है। प्राइस स्टेबिलिटी पर मॉनेटरी पॉलिसी का फोकस है। FEMA के तहत IFSC रेगुलेशंस की समीक्षा की जाएगी। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए FY25 बेहतर रहने की उम्मीद
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालाकि राहत की बात यह है कि इन मामलों से जुड़ी रकम पहले के मुकाबले करीब आधी रह गई है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिट, डेबिट और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए होने वाले बैंक धोखाधड़ी के मामलों में 5 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। रकम के मामले में भी इतनी ही बढ़ोतरी देखने को मिली है। एक अनुमान के मुताबिकहर 10 रुपये के लेनदेन में 1 रुपये की धोखाधड़ी हुई है। पिछले 1 साल में भारत में धोखाधड़ी के मामलों में दोगुना की बढ़ोतरी हुई है। हालाकि इससे जुड़े रकम में करीब 46.7% तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बैंक से जुड़े फ्रॉड में रकम पिछले साल के 26,127 करोड़ रुपये से घटकर 13,930 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई है। धोखाधड़ी के इन मामलों में ज्यादा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ा है। इन धोखाधड़ी में रकम औसत लोन फ्रॉड की रकम से कम रही है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2024 में धोखाधड़ी के रिपोर्ट किए गए मामले पिछले वित्त वर्ष के हैं। वित्त वर्ष 2023 में रिपोर्ट किए गए 94% मामले पिछले सालों के हैं। रिपोर्ट की खास बातों में यह है कि निजी बैंकों ने पिछले 3 सालों में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए हैं। सरकारी बैंकों में हुए धोखाधड़ी की रकम की हिस्सेदारी पिछले 3 सालों में ज्यादा बढ़ी है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वैल्यू, लोन पोर्टफोलियो और वॉल्यूम के हिसाब से डिजिटल पेमेंट के जरिए धोखाधड़ी के मामले ज्यादा हुए हैं। वित्त वर्ष 2024 में कुल 472 मामलों में धोखाधड़ी की रकम 35 करोड़ रुपये रही है। पिछले साल में 68 मामलों में 7 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले हुए थे।
(शेयर मंथन, 30 मई 2024)