महँगाई, वस्तुओं और सेवाओं के साधारण मूल्य में धीरे-धीरे बढ़ोतरी ने समय के साथ मुद्रा की क्रय शक्ति खत्म कर दी। एनारॉक के अध्ययन में पता चला है कि महँगाई के दबाव के बीच अपनी पूँजी का संचय और उसमें वृद्धि चाहने वाले निवेशकों के लिए रियल एस्टेट इस खतरनाक लेकिन अपरिहार्य डायनेमिक के विरुद्ध लोकप्रिय बचाव के रूप में उभरा है।
पिछले तीन चुनावों में हुई मूल्य वृद्धि
एनारॉक कैपिटल के एमडी एवं सीईओ शोभित अग्रवाल कहते हैं, ‘2019 के चुनाव के बाद शीर्ष 7 शहरों में 6% औसत आवासीय मूल्य चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ गये। ये जून 2019 में 5600 रुपये प्रति वर्गफुट से बढ़कर वित्त वर्ष-2024 के अंत तक 7550 रुपये प्रति वर्गफुट हो गये। यही चलन 2014 के चुनाव के बाद भी देखने को मिला था। शीर्ष 7 शहरों में 2013 से तुलना की जाये तो 2014 में औसत मूल्य में सालाना 6% की बढ़त हुई थी। यह 2013 में 4895 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़ कर 2014 में 5168 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुँच गया।’
इसके उलट, 2019 के चुनाव से पूर्व सालाना आधार पर औसत कीमतों में मात्र 1% की तेजी आयी और ये कार्यकाल के दौरान दायरे में रहीं।
माँग और आपूर्ति का समीकरण (डायनेमिक्स)
पिछले दशक में, कई दौर आये जब रियल एस्टेट की माँग के मुकाबले आपूर्ति अधिक रही, परिणामस्वरूप स्थिर मूल्य वृद्धि, जो महामारी-पूर्व दौर में महँगाई के साथ तालमेल रख सकी। 2013 से 2020 के बीच शीर्ष 7 शहरों में 20.68 लाख इकाइयों की माँग के मुकाबले 23.55 लाख इकाइयों की कुल आपूर्ति दर्ज की गयी।
धीरे-धीरे नयी आपूर्ति के समानांतर माँग बढ़ी। 2016 के अंत तक उपलब्ध इनवेंटरी बढ़कर लगभग 8 लाख इकाइयों तक पहुँच गयी। हालाँकि कोरोना महामारी के बाद आवासीय रियल एस्टेट में तेज रिकवरी आयी, जिससे मूल्य में महत्वपूर्ण वृद्धि आयी और इसने साधारण महँगाई को पीछे कर दिया।
रियल एस्टेट – महँगाई से बचाव का जरिया
महँगाई, वस्तुओं और सेवाओं के साधारण मूल्य में धीरे-धीरे बढ़ोतरी ने समय के साथ मुद्रा की क्रय शक्ति खत्म कर दी। महँगाई के दबाव के बीच अपनी पूँजी का संचय और उसमें वृद्धि चाहने वाले निवेशकों के लिए रियल एस्टेट इस खतरनाक लेकिन अपरिहार्य डायनेमिक के विरुद्ध लोकप्रिय बचाव के रूप में उभरा है।
आबादी में नियमित वृद्धि के साथ शहरीकरण ने निरंतर आवासीय माँग में इजाफा किया है। बेहतर अवसरों की तलाश में जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, बढ़ती आवासीय माँग कीमतों पर दबाव डाल रही है।
इसके अलावा, रियल एस्टेट में निवेश के जरिये किराये के तौर पर आय होती है, जिसमें महँगाई के मुकाबले समय के साथ संभावित रूप से इजाफा होता है। जीवन यापन की लागत जैसे-जैसे बढ़ती, मकान मालिक उसे किराये में समायोजित करता है। इसके अलावा, निवेशक अपनी रियल एस्टेट संपत्ति का लाभ अगली संपत्ति अर्जित करने के लिए ऋण लेने के लिए भी कर हैं।
महँगाई के दौर में कर्ज लेने की लागत (ब्याज दरें) आमतौर से बढ़ जाती है। हालाँकि, जो निवेशक महँगाई का दबाव बढ़ने से पहले निश्चित दरों पर वित्तपोषण सुरक्षित कर लेते हैं उन्हें सही मायने में निम्न ऋण मूल्य का लाभ होता है, जिससे रियल एस्टेट निवेश की लाभप्रदता बढ़ जाती है।
अग्रवाल कहते हैं कि रियल एस्टेट निवेश एक पोर्टफोलियो के भीतर विविधता लाभ देता है। वह आगे कहते हैं, ‘स्टॉक और बॉण्ड जैसी दूसरी वित्तीय परिसंपत्तियों की तरह नहीं, जिन पर महँगाई का नकारात्मक असर पड़ता है। आवासीय, व्यावसायिक और खुदरा समेत रियल एस्टेट, असल संपत्ति होने के साथ ही आंतरिक मूल्य भी प्रदान करता है। रियल एस्टेट होल्डिंग के साथ विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो कुल मिलाकर पोर्टफोलियो के जोखिम को कम कर सकता है और लंबी अवधि में प्रतिफल बढ़ा सकता है।’
2013 के बाद से आवासीय रियल एस्टेट कीमतों में निरंतर वृद्धि हुई है और पिछले दो साल में 13% की सीएजीआर से बढ़ी है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महँगाई सालाना औसत आधार पर 1.3% घट कर वित्त वर्ष-2024 के अंत में 5.4% हो गयी है। यह चलन महँगाई के मुकाबले रियल एस्टेट कीमतों के बेहतरीन प्रदर्शन को साफतौर से दर्शाता है।
वर्ष महँगाई (% में) आवासीय मूल्य (रुपये प्रति वर्ग फुट)
वित्त वर्ष-2024 5.40% 7,550
वित्त वर्ष-2023 6.70% 6,325
वित्त वर्ष-2022 5.50% 5,881
वित्त वर्ष-2021 6.20% 5,660
वित्त वर्ष-2020 4.80% 5,599
वित्त वर्ष-2019 3.40% 5,573
वित्त वर्ष-2018 3.60% 5,519
वित्त वर्ष-2017 4.50% 5,474
वित्त वर्ष-2016 4.91% 5,465
वित्त वर्ष-2015 5.90% 5,300
(स्रोत : एनारॉक रिसर्च, आरबीआई)
महँगाई से बचाव के लिए निवेशकों की बढ़ती माँग के जवाब में, वास्तविक रियल एस्टेट के साथ रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटीएस) और मुद्रास्फीति से जुड़े बॉन्ड जैसे वित्तीय साधनों की लोकप्रियता बढ़ी है। आरईआईटीएस, आय अर्जित करने वाले रियल एस्टेट में निवेश करता है। इसके अलावा, निवेशकों को रियल एस्टेट बाजार से रूबरू कराने के साथ ही तरलता और विविधिकरण का लाभ भी देता है। इसी तरह, मुद्रास्फीति से जुड़े बॉन्ड मुद्रास्फीति में बदलाव के आधार पर अपने मूलधन और ब्याज भुगतान को समायोजित करते हैं।
(शेयर मंथन, 13 जून 2024)
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