वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान एक नया टर्म काफी चर्चा में है। इसे येन कैरी ट्रेड रिवर्स के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब निवेश के लोकप्रिय रणनीति में बड़े स्तर पर बदलाव होना है। फिलहाल डॉलर के मुकाबले जापान का येन 7 महीने की ऊंचाई पर है।
बाजार को यह चिंता सता रही है कि येन के कैरी ट्रेड के रिवर्स होने से वैश्विक बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिलेगी। जापान के सेंट्रल बैंक ने 8 साल बाद निगेटिव रेट्स की पॉलिसी को खत्म किया है। यही नहीं अमेरिकी फेड ने भी सितंबर में दरों में कटौती के संकेत दिए हैं। दिलचस्प बात यह है कि जापान में दरों में बढ़ोतरी और अमेरिका में कटौती के फैसले से कैरी ट्रेड पर निगेटिव असर देखने को मिल सकता है। इसी कारण से अमेरिकी एसेट्स को बेचा जा रहा है।
आइये सबसे पहले कैरी ट्रेड के बारे में जानते हैं। इसके तहत निवेशक करेंसी यानी मुद्रा को कम ब्याज दर पर लेता है (उदाहरण के तौर पर येन) और इसे ऊंचे ब्याज दर वाले करेंसी में निवेश करता है (जैसे अमेरिकी डॉलर)। इसके पीछे मुख्य मकसद ब्याज दरों के बीच के अंतर का फायदा निवेशक को होता है जिसे 'कैरी' कहा जाता है। निवेशक को एक्सचेंज रेट में होने वाले बदलाव का फायदा मिलता है। इस पैसे को फिर अच्छे रिटर्न्स देने वाले एसेट्स में निवेश किया जाता है। US के स्टॉक्स, US बॉन्ड्स, EM इक्विटीज जैसे जगहों पर पैसा लगाया जाता है। बेहतर रिटर्न्स मिलने पर कम रेट्स वाले उधार को चुकाया जाता है।
लेकिन हाल के दिनों में येन के वैल्यू में डॉलर के मुकाबले अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस वजह से कई निवेशकों को कैरी ट्रेड पोजीशन के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। निवेशकों की ओर से इस हानि से बचने के लिए येन आधारित निवेश में बदलाव करने के साथ संपत्ति को दूसरे करेंसी में बेचना शुरू कर दिया। निवेशकों के इस कदम से बड़े स्तर पर बाजार इसका असर वैश्विक शेयरों के अलावा दूसरे तरह की संपत्ति पर भी दिखने लगा। येन में तेजी के कारण अमेरिकी इक्विटी कीमतों पर खतरा मंडराने लगा जिसका असर दरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। ऐसे में निवेशक जापान के मौद्रिक नीति में होने वाले बदलाव पर कड़ाई से निगरानी रख रहे हैं। मौजूदा समय में येन कैरी ट्रेड पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है ऐसे में निवेशक सतर्क हैं। येन में मजबूती लगातार वैश्विक बाजारों के लिए एक मुख्य घटक के तौर पर काम कर रहा है और इसका असर एसेट की कीमतों पर भी दिख रहा है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते जापान के सेंट्रल बैंक ने करीब 17 साल बाद दरों में बदलाव करते हुए ब्याज दरों में 0.25% बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसके बाद से ही येन में तेजी का रूख बना हुआ है।
(शेयर मंथन, 5 अगस्त 2024)