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सरकार जल्द ही 5 सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। इनमें सरकार अपना 20% तक हिस्सा बेच सकती है। सरकार के पास इन बैंकों का 43,000 करोड़ रुपये से अधिक का हिस्सा है। मीडिया खबरों के मुताबिक सरकार अगस्त 2026 तक ऑफर फॉर सेल के जरिये हिस्सेदारी बेच सकती है।
5 बैंक, 20 फीसदी हिस्सेदारी
केंद्र सरकार ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में 20% तक हिस्सा बिक्री की योजना बना रही है। सरकार ने निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), सरकारी बैंकों और वित्तीय सेवा विभाग से इस संबंध में बात शुरू कर दी है। दरअसल सरकार इन बैंकों में सेबी के होल्डिंग नियमों का पालन करना चाहती है। सेबी के नियम कहते हैं कि किसी भी लिस्टेड कंपनी का कम से कम 25% हिस्सा आम लोगों के पास होना चाहिए और इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 75% से ज्यादा है।
किस बैंक में सरकार की कितनी हिस्सेदारी?
बैंक हिस्सेदारी (%) कितनी घटेगी हिस्सेदारी (%)
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 86.46 11.46
इंडियन ओवरसीज बैंक 96.38 21.38
यूको बैंक 95.39 20.39
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 93.08 18.08
पंजाब ऐंड सिंध बैंक 98.25 23.25
हिस्सेदारी कम करने के लिए दो रास्ते
सरकार के पास हिस्सा बेचने के लिए दो रास्ते हैं। पहला तरीका है कि सरकार खुद शेयर बाजार में या बड़े निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी बेचे और दूसरे बैंक खुद बड़े निवेशकों को अपने शेयर बेच सकते हैं। सरकार हिस्सा बिक्री का ये काम दीपम, वित्तीय सेवा विभाग और बैंकों के साथ मिलकर कर रही है। सरकार क्यूआईपी और ऑफर फॉर सेल दोनों ही तरीकों से हिस्सा बिक्री की योजना बना रही है। मीडिया की खबरों के मुताबिक सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिये हिस्सा बेचने की योजाना पर काम कर रही है। सरकार के पास इसके लिए अगस्त 2026 तक का समय है। सरकार के पास इन बैंकों की 43,000 करोड़ रुपये से अधिक की हिस्सेदारी है।
(शेयर मंथन, 27 फरवरी 2025)
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