
तेजी के रुझान के साथ सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 3,775-3,430 रुपये के दायरे में कारोबार रह सकती हैं।
देश में सोयाबीन का भंडार काफी कम है और वह स्टॉकिस्टों के पास है, जो बिकवाली के लिये अधिक कीमत का इंतजार कर रहे हैं। सोयाबीन की नयी फसल की आवक अक्टूबर में शरू होगी और उपलब्ध स्टॉक माँग को पूरा करने के लिये अपर्याप्त है। सोपा के अनुसार अगले सीजन के लिए सोयाबीन के कैरी ओवर स्टॉक के कई वर्षो के निचले स्तर पर लुढ़क जाने की संभावना है।
इस बीच सरसों वायदा (अगस्त) की कीमतें यदि 4,100 रुपये से नीचे टूटती है तो 4,080-4,050 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। नाफेड राजस्थान में शुक्रवार से सरसों बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगा। नाफेड ने फसल सीजन 2017-18 में उत्पादक राज्यों से लगभग 9 लाख टन सरसों की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की है, जबकि राजस्थान में 25 जून तक लगश्राग 4,71,614.16 टन सरसों की खरीदारी की थी।
उधर सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों के 595-600 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। टेक्निकल खरीदारी के कारण कल मलेशियन पॉम ऑयल वायदा की कीमतों में 1% की बढ़त दर्ज की गयी। पॉम ऑयल के प्रमुख आयातक भारत में मौजूदा मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश के अनुमान के कारण भी कीमतों को मदद मिली। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2018)