सिटी बैंक को राहत देने की अमेरिकी सरकार की योजना को सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजारों ने हाथों-हाथ लिया और दिन भर के कारोबार के बाद डॉव जोंस 396 अंकों की मजबूती के साथ बंद हुआ। इस तरह डॉव जोंस ने पिछले दो कारोबारी सत्रों में लगभग 900 अंकों की बढ़त दर्ज की है। कल के कारोबार में नैस्डैक कंपोजिट में भी 6% से अधिक की मजबूती देखी गयी। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी बाजारों में उत्साह का कारण केवल यह नहीं है कि सिटी बैंक को सरकार ने राहत पैकेज दे दिया है, बल्कि बाजार इस पैकेज को एक ऐसे मॉडल के रूप में देख रहा है, जिसकी तर्ज पर अमेरिका की अन्य वित्तीय संस्थाओं को राहत दे कर अर्थव्यवस्था को परेशानियों के इस हालात से निकाला जा सकता है। जानकार मानते हैं कि इस प्रक्रिया ने न केवल एक वित्तीय संस्था को जीवनदान दिया है, बल्कि निवेशकों के मनोबल को भी ऊंचा उठाने में मदद की है। लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का क्रम अभी भी बने रहने की संभावना है, क्योंकि अर्थव्यवस्था के असली हालात किसी से छिपे नहीं हैं। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 4.61 डॉलर चढ़ कर 54.54 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। उधर यूरोप में डैक्स और कैक 40 में 10% से अधिक की भारी उछाल देखी गयी। एफटीएसई 100 में भी 9.84% की जबरदस्त बढ़त देखने को मिली। सोमवार को यूरोप और अमेरिका में आयी मजबूती के बाद मंगलवार की सुबह एशियाई बाजारों में बढ़त का रुख है। भारतीय समयानुसार सुबह 8.15 बजे निक्केई, हैंग सेंग, स्ट्रेट टाइम्स, कॉस्पी और ताइवान वेटेड में 3.5-4.5% की मजबूती दिख रही है। जकार्ता कंपोजिट में 2% से कुछ अधिक की बढ़त है। हालांकि शंघाई कंपोजिट भी हरे निशान में है, लेकिन इसकी मजबूती 1% से भी कम है।
हाल के वर्षों में शेयर बाजार में चिंता के स्वर कभी इतने प्रखर नहीं रहे और गिरावट के अंदेशों को लेकर ऐसी आम राय देखने को नहीं मिली। लगभग एक सुर में जानकार कह रहे हैं कि इस साल की पहली छमाही और खास कर आने वाले कुछ महीने बाजार के लिए अच्छे नहीं रहने वाले हैं।
आगामी बजट बनाते वित्त मंत्री के सामने कई चुनौतियाँ हैं और इन चुनौतियों के चलते ही लोगों के मन में कई तरह की उम्मीदें भी हैं। क्या यह बजट विकास को तेज कर सकेगा, क्या लोगों को महँगाई की मार से बचाने में मदद कर सकेगा और क्या लोगों को थोड़े ज्यादा पैसे बचा पाने में मदद करेगा?