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तीन फरवरी से आरंभ 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड (900 MHz band) के लिए आक्रामक बोलियाँ देखने को मिल रही हैं।
इसकी वजह से दिल्ली क्षेत्र में प्रति मेगाहर्ट्ज कीमत अपने आधार मूल्य के दोगुने से ऊपर चली गयी है। मुंबई में भी प्रति मेगाहर्ट्ज कीमत अपने आधार मूल्य से 70% ऊपर जा चुकी है।
अब तक इस नीलामी के कुल 42 चरण पूर्ण हो चुके हैं और दूरसंचार सेवा कंपनियों ने 56,555 करो़ड़ रुपये की बोली लगायी है। 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए अब तक 33,083 करोड़ रुपये की बोली प्राप्त हुई है, जबकि 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 23,472 करोड़ रुपये की बोली लग चुकी है। जहाँ 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए सभी 22 सेवा क्षेत्रों में बोलियाँ प्राप्त हुई हैं, वहीं 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए सभी तीन सेवा क्षेत्रों में कंपनियों ने रुचि दिखायी है। इस तरह दोनों ही बैंडों में सभी सेवा क्षेत्रों के लिए बोलियाँ प्राप्त हुई हैं। नीलामी प्रक्रिया आज भी जारी है।
नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कंपनी को लाइसेंस हासिल करने के एक महीने के भीतर सेवाओं के लिए लागू होने वाली तकनीक के बारे में विवरण देना होगा यदि वह जीएसएम (GSM) या डब्लूसीडीएमए (3जी) या एलटीई (4जी) तकनीक के अलावा किसी अन्य तकनीक पर आधारित सेवा देना चाहती है। नीलामी के लिए निश्चित मेगाहर्ट्ज से अधिक की माँग करने पर हर अतिरिक्त मेगाहर्ट्ज पर आरक्षित मूल्य (Reserve Price) में 1% की वृद्धि की जायेगी।
यूनिनॉर (Uninor), वीडियोकॉन (Videocon) और सिस्टेमा श्याम (Sistema Shyam) को फिर से प्रदर्शन बैंक गारंटी नहीं जमा करनी होगी। ध्यान रहे कि इन कंपनियों ने नवंबर 2012 और मार्च 2013 में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल किये थे और प्रदर्शन बैंक गारंटी जमा की थी। (शेयर मंथन, 10 फरवरी 2014)