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2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गयी है।
दस दिनों तक चली इस नीलामी में 68 दौर तक बोलियाँ लगी।
इस नीलामी से सरकार को कुल 61,162 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। जो सरकार के 41,000 करोड़ के अनुमान से कहीं ज्यादा है।
नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन (Vodafone) जैसी बड़ी दूरसंचार कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता क्षेत्रों में 900 मेगाहर्टज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने 1,800 मेगाहर्टज बैंड में 22 में से 14 सर्किल में स्पेक्ट्रम हासिल किया।
आइडिया (Idea) ने भी 900 मेगाहर्टज में दिल्ली में स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया। ये स्पेक्ट्रम 20 वर्षों की अवधि तक मान्य होंगे।
अब तक जो पाँच स्पेक्ट्रम नीलामी हुई हैं, उनमें अवधि के लिहाज से यह अब तक की तीसरी सबसे लंबी प्रक्रिया है। साल 2010 में जो 3जी नीलामी हुई थी, वह 34 दिनों तक चली थी। बीडब्लूए नीलामी 16 दिनों तक चली थी।
स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कंपनी को लाइसेंस हासिल करने के एक महीने के भीतर सेवाओं के लिए लागू होने वाली तकनीक के बारे में विवरण देना होगा यदि वह जीएसएम (GSM) या डब्लूसीडीएमए (3जी) या एलटीई (4जी) तकनीक के अलावा किसी अन्य तकनीक पर आधारित सेवा देना चाहती है।
इस नीलामी में भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेलुलर, रिलायंस जियो इन्फोकॉम, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज, यूनिनोर और रिलायंस कम्युनिकेशंस इन आठ कंपनियों ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि 900 मेगाहर्टज में 37,572.60 करोड़ रुपये और 1,800 मेगाहर्टज बैंड में 23,589.62 करोड़ रुपये की बोली लगायी गयी। (शेयर मंथन, 14 फरवरी 2014)