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तीसरी तिमाही में विकास दर 7.5%, नये आधार वर्ष का असर

वित्त वर्ष 2014-15 में भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले साल के 6.9% के मुकाबले 7.4% की दर से बढ़त दर्ज कर सकती है।

अर्थव्यवस्था के लिए यह अनुमान गणना के नये तरीकों पर आधारित है। नये तरीके से हुई गणना के आधार पर तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.5% बढ़ी है। पिछली तिमाही में यह आँकड़ा 8.2% था। जीडीपी के अग्रिम अनुमानों में जिन क्षेत्रों का बेहतर योगदान रहा है, उनमें विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की 6.8% वृद्धि प्रमुख रही है।

इसके अलावा अधिकतर सेवाओं में भी 7% से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी। वित्तीय सेवाएँ, रियल एस्टेट, होटल और परिवहन क्षेत्र में 7% से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी। हालाँकि कृषि क्षेत्र में 1.1% की अनुमानित वृद्धि पिछले वित्त वर्ष में हासिल 3.7% के मुकाबले काफी कम रही है।

विकास दर के लिए नयी गणना स्थिर कीमत के आधार पर हो रही है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के साथ-साथ अप्रत्यक्ष करों में होने वाला बढ़ोतरी भी शामिल की जाती है। गणना के लिए पहले 2004-05 को आधार वर्ष माना गया था, जो अब 2011-12 हो गया है।  

इस नये आधार वर्ष के अनुसार जारी ताजा आँकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले वित्त वर्ष 2015 में खनन (माइनिंग) क्षेत्र की वृद्धि दर 5.4% से घट कर 2.3% और कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 3.7% से घट कर 1.1% रहने का अनुमान है।

दूसरी तरफ 2015 में निर्माण (कंस्ट्रक्शन) क्षेत्र की ग्रोथ 2.5% से बढ़ कर 4.5% और वित्तीय क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9% से बढ़ कर 13.7% रहने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 10 फरवरी 2015)

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