शेयर मंथन में खोजें

बजट (Budget) से विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद : सीआईआई सीईओ सर्वेक्षण

देश के उद्योग जगत के दिग्गजों को यह उम्मीद है कि 28 फरवरी को आने वाला संघीय बजट (Union Budget) विकास को बढ़ावा देने वाला होगा।

उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री या सीआईआई (CII) की ओर से किये गये एक सीईओ सर्वेक्षण के मुताबिक कर राजस्व में तेजी के लिए विकास दर (GDP) में टिकाऊ वृद्धि जरूरी है। इस सर्वेक्षण के अनुसार जीडीपी में वृद्धि तभी हो सकेगी, जब पूँजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले। साल 2014-15 के बजट अनुमान में 2.30 लाख करोड़ रुपये के पूँजीगत खर्च का आकलन किया गया था, मगर इसमें कमी दिख रही है।

इस सीईओ सर्वेक्षण में बहुमत की राय है कि साल 2015-16 के बजट में पूँजीगत खर्च में 70,000 करोड़ रुपये की वृद्धि का प्रावधान रखा जायेगा। उनके मुताबिक इस पूँजीगत खर्च के वास्ते रकम जुटाने के लिए सरकार को सब्सिडी को तार्किक बनाने के साथ-साथ सरकारी कंपनियों में आक्रामक ढंग से विनिवेश करना चाहिए। जहाँ साल 2014-15 के बजट में 63,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया था, वहीं 2015-16 के लिए सीईओ सर्वेक्षण के अनुसार 75,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा जा सकता है। 

उद्योग जगत के प्रमुखों की सामान्य धारणा है कि सरकार को अपने राजस्व व्यय (revenue expenditure) में कमी लानी चाहिए और पूँजीगत व्यय (capex spending) को बढ़ाना चाहिए। अधिकांश सीईओ का अनुमान है कि आगामी बजट में 2015-16 के लिए सरकार के राजस्व घाटे (revenue deficit) का लक्ष्य 2.6-2.8% के बीच रखा जायेगा। वहीं सरकारी घाटे (fiscal deficit) का लक्ष्य 3.7-4.0% के बीच रखे जाने का अनुमान है। 

ज्यादातर सीईओ मानते हैं कि इस बजट में जीएसटी (GST) के लिए एक खाका पेश कर दिया जायेगा, जिसमें राजस्व उदासीनता (revenue neutrality) के लिए ऊँची जीएसटी दर की ओर झुकाव रहेगा। गार (GAAR) के बारे में सीईओ लगभग एकमत हैं कि इसे दो साल के लिए टाला जा सकता है। (शेयर मंथन, 24 फरवरी 2015)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"