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कोयला खान विधेयक (Coal Mines Bill) संसद में पारित

आज राज्‍यसभा में कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2015 के पारित होने के साथ ही इस विधेयक को अब संसद की मंजूरी मिल गयी है।

यह विधेयक सरकार की ओर से जारी किये गये अध्‍यादेश का स्‍थान लेगा। गौरतलब है कि उच्‍चतम न्‍यायालय ने 204 कोयला ब्‍लॉकों का आवंटन निरस्‍त कर दिया था, जिसके बाद इस बारे में अध्‍यादेश पहली बार 21 अक्‍टूबर 2014 को और उसके बाद 26 दिसंबर 2014 को जारी किया गया था। यह विधेयक पेश करते हुए कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसका उद्देश्‍य कोयला खदानों का पारदर्शी ढंग से आवंटन या नीलामी सुनिश्‍चित करना है। 

इस विधेयक के उद्देश्‍य एवं उसकी खास बातें इस प्रकार हैं : 

विधेयक के उद्देश्‍य : 

• कोयला खानों का आवंटन करना और संबंधित भूमि एवं खान से जुड़े ढाँचे के लिए सफल बोलीदाताओं एवं आवंटियों को अधिकार एवं हक देना, ताकि कोयला खनन परिचालन एवं कोयले का उत्‍पादन लगातार जारी रह सके। 
• कोयला खानों की नीलामी या उनके आवंटन के लिए तत्‍काल कदम उठाना, ताकि इस्‍पात, सीमेंट एवं बिजली जैसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों पर कम-से-कम असर पड़े, जो राष्‍ट्र के विकास के लिए अत्‍यंत अहम है। 
• कोयला खान (राष्‍ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 और खान एवं खनिज (विकास व नियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करना, ताकि कोयला खनन हेतु अंतिम उपयोग पर लगी पाबंदी को पात्रता से हटाया जा सके। हालाँकि, कुछ खास कोयला ब्‍लॉकों के मामले में यह मान्‍य नहीं होगा। 

विधेयक की खास बातें : 

• 204 निरस्‍त ब्‍लॉकों को 'अनुसूची-I कोयला खानों' के रूप में परिभाषित किया गया है। 
• 'अनुसूची-I कोयला खानों' में से 42 उत्‍पादनरत एवं उत्‍पादन के लिए तैयार कोयला खानों को 'अनुसूची-II कोयला खानों' के रूप में परिभाषित किया गया है। 
• 'अनुसूची-I कोयला खानों' में से अन्‍य 32 काफी विकसित कोल ब्‍लॉकों को 'अनुसूची-III कोयला खानों' के रूप में परिभाषित किया गया है, जो विशेष अंतिम उपयोग से वास्‍ता रखते हैं (कुछ और खानों को अनुसूची-III में डाला जा सकता है)। 
• केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह 'अनुसूची-I कोयला खानों' में से चिन्‍हित खानों को विशेष अंतिम उपयोग वाली श्रेणी में डाल सकती है। 
• किसी कंपनी या उसके संयुक्‍त उद्यम को नीलामी के जरिए आवंटन किया जायेगा। 
• सरकारी कंपनी या उसके संयुक्‍त उद्यम (जेवी) के मामले में आवंटन बगैर नीलामी के ही कर दिया जायेगा। 
• नीलामी में भाग लेने के लिए पात्रता पर अंतिम उपयोग संबंधी कोई भी पाबंदी नहीं होगी, 'अनुसूची-II एवं अनुसूची-III कोयला खानें' इसमें शामिल नहीं हैं।

(शेयर मंथन, 20 मार्च 2015)

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