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देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार टिकाऊ रूप से जोर नहीं पकड़ पा रही है।
मार्च 2015 के महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) बढ़ने की दर 2.1% रही। इसके पिछले महीने, यानी फरवरी 2015 में यह दर 5% थी। हालाँकि मार्च 2014 में 0.5% की गिरावट की तुलना में स्थिति जरूर सुधरी है, लेकिन ताजा आँकड़ा विश्लेषकों के अनुमानों से फीका रहा। खनन (Mining) क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर 0.9% रही, जो मार्च 2014 के महीने में 0.5% थी। वहीं मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) की वृद्धि दर -1.3% से सुधर कर 2.2% हो गयी। हालाँकि बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 5.4% से घट कर 2.0% रह गयी।
सालाना आधार पर देखें तो वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान आईआईपी (IIP) में 2.8% की बढ़त दर्ज हुई, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में -0.1% थी। हालाँकि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर (GDP) के आँकड़े 2014-15 में 7.4% रहने के अनुमान जताये गये हैं, मगर औद्योगिक क्षेत्र में उसके अनुरूप उत्साह नजर नहीं आ रहा है। जीडीपी वृद्धि दर 2013-14 में 6.9% और 2012-13 में 5.1% थी। (शेयर मंथन, 12 मई 2015)