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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) को गैर लाभकारी परिसंपत्तियों या दूसरे शब्दों में डूबे कर्जों (NPA) के पिछले धब्बों से मुक्ति पाने तथा जल्द-से-जल्द अपने बैलेंस शीट स्वच्छ करने को कहा।
वित्त मंत्री ने इस बारे में सरकारी बैंकों को केंद्र सरकार के पूर्ण समर्थन का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि जब कभी आवश्यकता होगी, उनकी सरकार सुधार के लिए जरूरी कदम उठाएगी। वित्त मंत्री आज यहाँ सरकारी बैंकों की त्रैमासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान इन बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में भाग लेने वालों में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर कुंद्रा, सचिव (वित्तीय सेवा) अंजुली छिब दुग्गल तथा भारत सरकार के विभिन्न अन्य मंत्रालयों के सचिव और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इसमें सरकारी बैंकों ने ऋण विस्तार को बेहतर बनाने के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों पर चर्चा की। बैठक में सितंबर 2015 तक 48.25 लाख करोड़ रुपये के कुल घरेलू ऋण प्रवाह की क्षेत्रवार रूपरेखा का जायजा लिया गया। सरकारी बैंकों ने जानकारी दी कि इस वर्ष के लिए ऋण लक्ष्य का 58% अर्जित कर लिया गया है।
वित्त मंत्री जेटली ने विद्या लक्ष्मी पोर्टल को गतिशील बनाने में बैंकों की ओर से हुई प्रगति की भी समीक्षा की। आवास ऋण (Home Loan) में 18.69% की अच्छी वृद्धि की चर्चा करते हुए पीएसबी को प्राथमिकता क्षेत्र आवास ऋण में बढ़ोतरी अर्जित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रभाव को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की गयी। वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों से संवितरण में तेजी लाने का आग्रह किया और उनके सामने अपनी यह अपेक्षा रखी कि वे चालू वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 70,000 करोड़ की संवितरण क्षमता को अर्जित करें। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2015)