
आय कर विभाग के करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा’ बनाने के रुख के साथ किये गये प्रयासों का सकारात्मक असर दिखने लगा है। इसके तहत 30,000 से ज्यादा करदाताओं ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और आमदनी का खुलासा किया है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस अभियान में करदाताओं के बीच ‘सबसे पहले भरोसा’ बनाने को वरीयता दी है, जिसके तहत विभाग ने 17 नवंबर, 2024 को एसएमएस और ईमेल भेजना शुरू किया था।
विदेशी खातों में ज्यादा राशि रखने वाले, ब्याज या लाभांश के तौर पर अधिक विदेशी आमदनी प्राप्त करने वाले 19,501 करदाताओं से संपर्क किया गया और एसएएमएस और ईमेल के जरिये अपनी विदेशी संपत्ति और आय को सही ढंग से दिखाने के लिए आयकर रिटर्न को रिवाइज करने का अनुरोध किया गया। इससे 24,678 करदाताओं ने अपने आईटीआर की समीक्षा की और 5,483 करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए देरी से रिटर्न भरे।
एक आँकड़े के मुताबिक, स्वैच्छिक आधार पर विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2,31,452 हो गयी है। यह संख्या आकलन वर्ष 2021-22 में करीब 60,000 थी।
'सबसे पहले भरोसा' पहल का असर
सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग ने पहले भरोसा बनाने के दृष्टिकोण को अपनाया और इसके तहत कार्रवाई के बजाय करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन को प्राथमिकता दी गयी, जिसका सकारात्मक असर हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि विभाग ने सत्यापन या दखल देने वाली कार्रवाई न करते हुए करदाताओं पर भरोसा जताया और उन्हें अपनी विदेशी आय का खुलासा करने का अवसर दिया। इस दौरान करदाताओं ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आमदनी घोषित की। वहीं 6,734 करदाताओं ने आवासीय स्थिति में भी बदलाव करते हुये निवासी से प्रवासी बताया।
(शेयर मंथन, 08 मार्च 2025)
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