रेसिप्रोकल टैरिफ पर अमेरिकी फेड का सतर्क रुख कायम, मार्च में भी नहीं घटायीं ब्याज दरें

2 अप्रैल से लगने वाले पारस्परिक शुल्क से दुनिया ही नहीं खुद अमेरिकी केंद्रीय बैंक भी परेशान है। इसलिए फेडरल रिजर्व ने मार्च में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। खास बात ये है कि डॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।

नहीं बदली ब्याज दरें

फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बिना बदलाव उसे 4.25%-4.50% पर कायम रखा है। पिछली बार दिसंबर 2024 में अमेरिकी फेड ने सबको चौंकाते हुए ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी, जबकि सितंबर से दिसंबर 2024 तक तीन बार दरों में कटौती की थी।

2025 में 2 कटौतियाँ?

बैठक बाद अपने भाषण फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था में आनिश्चितता के काले बादल छाये हुए हैं। उन्हें डर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो टैरिफ लगाने की बात कर रहे हैं उससे अमेरिका में महँगाई बढ़ेगी। वहीं, अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ने की भी आशंका जतायी है। इसलिए फेड को ब्याज दरों में कटौती करने की कोई जल्दी नहीं है।

हालाँकि पॉवेल ने ये भी कहा कि अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ी है। उसे लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है। श्रम बाजार में भी स्थिति सुधरी है और वहाँ भी बेहतर हालात देखने को मिल रहे हैं। इसी वजह से 2025 में 2 बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है लेकिन अभी ये कहना कठिन है कि इसकी शुरुआत कब से होगी। हालाँकि जानकारों का कहना है अमेरिकी फेड सितंबर से ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है। 

ट्रंप टैरिफ पर रहेगी नजर

पॉवेल ने कहा कि अभी ट्रैरिफ लगा नहीं है। लेकिन आशंका ये है कि अमेरिकी सरकार के इस कदम से अमेरिका में ही महँगाई बढ़ जायेगी। हालाँकि अभी कुछ कहना सही नहीं है। अमेरिकी फेड की टैरिफ और उससे होने वाले असर पर नजर बनी रहेगी।

महँगाई अब भी दायरे से बाहर

महँगाई के मुद्दे पर पॉवेल ने कहा कि फेड की कोशिशों से महँगाई दर में गिरावट आयी है। इसी साल जनवरी में महँगाई दर 3% पर थी जो फरवरी में घटकर 2.8% पर आ गयी है। आँकड़े दिखाते हैं कि महँगाई दर गिर रही है। लेकिन वो अब भी 2% के लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है। पॉवेल ने दोहराया कि फेड महँगाई दर को 2% पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जल्दबाजी से काम बिगड़ेगा

अपने भाषण में जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी फेड को ब्याज दरों में कटौती की कोई जल्दबाजी नहीं है। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकता है। अमेरिकी फेड ने अब तक जो भी कुछ किया है उस पर पानी फिर सकता है। इसलिए ऐसा करना तर्कसंगत नहीं है। मीडिया के सवालों के जबाव देते हुए पॉवेल ने कहा कि फेड बाजार और सरकार के अनुमान के मुताबिक नहीं चलता। उसका काम है देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और महँगाई को काबू में रखना ताकि देश की जनता को परेशानी न हो, और वो काम फेड पूरी शिद्दत के साथ कर रहा है। इसमें किसी को भी शक नहीं होना चाहिए। पॉवेल ने कहा कि हम सही समय आने पर ही ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेंगे।

(शेयर मंथन, 24 मार्च 2025)

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