1 अप्रैल से शुरू होगी सरकार की गारंटी पेंशन योजना यूपीएस, नोटिफिकेशन जारी

सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने नयी पेंशन योजना यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का ऐलान किया था, वो नये वित्त वर्ष 2025-26 में 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जायेगी।पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

इस योजना के तहत कर्मचारी चाहे 25 साल काम करे या 10 साल उसे पेंशन निश्चित मिलेगी। इस दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को भी पेंशन मिलेगी। अभी ये सिर्फ केंद्रीय कर्मियों के लिए है, बाद में राज्य सरकार के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो जायेंगे।

क्या है नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम?

इस योजना में 25 साल तक सेवा में रहने वाले सभी कर्मचारियों के लिए निश्चित पेंशन का प्रावधान किया गया है। वहीं 10 साल नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मियों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। लेकिन इन दोनों के पेंशन की गणना अलग तरीके से होगी। जैसे अगर किसी ने 25 साल नौकरी की है तो उसे उसके अंतिम 12 महीने की सैलरी के औसत पर 50% पेंशन मिलेगी। उसी तरह 10 साल से अधिक समय तक नौकरी करने वाले कर्मियों को 10000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।

इसके अलावा, पेंशन के लिए निर्धारित अवधि पूरी होने से पहले कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को उसकी पेंशन का 60% हिस्सा बतौर पारिवारिक पेंशन दिया जायेगा। यहाँ आपको ये बता दें कि इस स्कीम के तहत मिलने वाली पेंशन की रकम गारंटेड होगी यानी जो कहा जायेगा वही मिलेगा भी।

क्या है यूपीएस?

साल 2004 में सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद करके नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की शुरुआत की थी। 2009 से पहले ये सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए ही थी लेकिन बाद में सरकार ने इसे आम लोगो के लिए भी खोल दिया। इसी के तहत अब सरकार यूपीएस को शुरू करने जा रही है।

इस स्कीम में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी से एक तय रकम काटी जाएगी। फिर इसे बाजार में निवेश किया जायेगा। कर्मचारी की सेवानिवृत्ति तक जमा की गयी कुल रकम का 60% एकमुश्त मिल जायेगा। वहीं, बचा हुआ 40% हिस्सा बाजार में निवेशित रहेगा। इसी रकम में से हर महीने एक निश्चित रकम कर्मचारी को पेंशन के रूप में मिलती रहेगी।

पुरानी योजना से यूपीएस कैसे अलग?

पुरीनी पेंशन स्कीम या एनपीएस में निवेश करने वाले केंद्रीय कर्मचारी जानते हैं कि इनमें पेंशन के रूप में मिलने वाली रकम की कोई गारंटी नहीं होती है। इनमें जो पेंशन मिलती है वो शेयर बाजार और दूसरी परिसंपत्तियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। लेकिन यूपीएस में ऐसा नहीं है। इसमें जो रकम आपको पेंशन के रूप में बतायी जायेगी वही मिलेगी।

कौन कर सकता है आवेदन?

1 अप्रैल 2025 तक केंद्र सरकार में सेवारत कर्मचारी इसके योग्य हैं, लेकिन यूपीएस के लिए सिर्फ वही केंद्रीय कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं जो पहले से एनपीएस में निवेश करते हों। वहीं, 1 अप्रैल 2025 के बाद नौकरी में आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को अपना चुनाव करने के लिए सरकार 30 दिन का समय देगी।

कितना होगा अभिदान?

पीएफआरडीए के नोटिफिकेशन के मुताबिक यूपीएस में किसी भी कर्मचारी को हर महीने कम से कम 10000 रुपये का निवेश करना होगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक यूपीएस का कॉन्ट्रूब्यूशन हर महीने बेसिक सैलरी और उस पर मिसने वाले महँगाई भत्ते का 10% होगा। इस रकम को यूपीएस ग्राहक के व्यक्तिगत पीआरएएन में जमा किया जायेगा। इतनी ही रकम सरकार भी पीआरएन में जमा करेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार यूपीएस विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (बेसिक सैलरी + महँगाई भत्ता) का अनुमानित 8.5% अतिरिक्त अंशदान भी देगी।

(शेयर मंथन, 24 मार्च 2025)

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