टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका से बात करने को राजी हुआ चीन, क्या यहाँ बनेगी बात

हाल में आयी फिल्म पुष्पा का डायलॉग ''झुकेगा नहीं...'' अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वॉर पर सटीक लागू होता है। ट्रंप कुछ टैरिफ लगाते हैं, तो चीन कुछ और। ये सिलसिला कई दिनों से जारी है। लेकिन अब लगता है कि शायद ये सब कुछ थम जायेगा, क्योंकि चीन अमेरिका से बात करने के लिए तैयार हो गया है।

मान गया चीन, लेकिन...?

अमेरिका से टैरिफ के मुद्दे पर चीन बातचीत को तैयार हो गया है, लेकिन चीन शर्तों के साथ बातचीत करेगा। आइये जानें चीन की शर्तों के बारे में :

1) चीन चाहता है कि अमेरिका उसे प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाये।

2) अमेरिका अपनी नीतियों में स्थिरता बनाये, हर कुछ दिनों में बदलाव न करे।

3) अमेरिकी प्रतिबंधों और ताइवान पर अमेरिकी नीति के बारे में चीन की चिंताओं का भी समाधान किया जाए।

4) अमेरिकी कैबिनेट के सदस्य लगातार चीन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। चीन चाहता है कि बातचीत से पहले इन पर रोक लगे।

5) बातचीत के लिए अमेरिकी सरकार एक प्रतिनिधि नियुक्त करे। ये जरूरी है कि उसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन हासिल हो और वो समझौते को आगे ले जाने में मदद करें।

अब देखना होगा कि क्या ट्रंप जो चीन के साथ बाचतीच करने के लिए आतुर बैठे हैं लेकिन चाहते हैं कि पहल चीन की तरफ से हो, तो क्या अब बातचीत शुरू होगी? इस सब के बीच अपने प्रति चीन के रवैये से अमेरिका भी उससे नाराज है।

चीन से नाराज है अमेरिका?

चीन जिस तरीके से अमेरिका को जवाब दे रहा है, उसे देखते हुए ट्रंप उससे नाराज हैं। दरअसल, हाल ही में अमेरिका ने चीन पर टैरिफ की दर को बढ़ा दिया था। इसे देखते हुए चीन ने भी अमेरिका पर 125% का टैरिफ ठोक दिया था। चीन के इस कदम से बौखलाए ट्रंप ने चीन पर लगने वाले टैरिफ को बढ़ाकर 245% कर दिया तो चीन ने भी अपनी विमानन  कंपनियों को विमानों की आपूर्ति रोकने के सख्त आदेश दे दिए। 

अमेरिका से खफा है चीन?

अगर अमेरिका चीन से नाराज है तो चीन से अमेरिकी से खफा बैठा है। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिकी कैबिनेट के सदस्यों की लगातार चीन के खिलाफ बयानबाजी है। चीन ये मानता है कि ट्रंप अपने प्रशासन के लोगों पर पूरी तरह से नियंत्रण रखते हैं लेकिन अगर कोई अधिकारी चीन के खिलाफ कोई बयानबाजी करता है तो वो उसे कुछ नहीं कहते। चीन इसे ट्रंप का मौन समर्थन मानता है। खास कर हाल ही में अमेरिकी उप राष्ट्रपति के बयान के बाद से चीन ज्यादा खफा हो गया है।

क्या कहा था अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने?

जेडी वेंस अमेरिका के उप राष्टपति हैं। एक निजी चैनल को दिए हालिया साक्षात्कार में वेंस ने चीनी नागरिकों को गंवार कहा था। ट्रंप की पॉलिसी का बचाव करते हुए वेंस ने कहा था कि अमेरिका कर्ज लेकर चीनी किसानों से सामान खरीदता है। वेंस के इस बयान को चीन ने हैरान करने वाला और अफसोसजनक बताया था।

चीन से सौदा करने जा रहे हैं

चीन से बातचीत के लिए राजी होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान भी सामने आया है। डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वो चीन के साथ बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि कोई भी देश अमेरिका से मुकाबला नहीं कर सकता है। जहाँ तक दूसरे देशों से बातचीत की बात है तो कई देशों से वो अभी जारी है। मेक्सिको के राष्ट्रपति के साथ बहुत ही अच्छी बातचीत हुई। इसी तरह जापान के बिजनेस प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। चीन समेत हर देश हमसे मिलना चाहता है। हालाँकि, अमेरिका और ट्रंप का मानना है कि गेंद चीन के पाले में है। चीन को अमेरिका के साथ समझौता करने की जरूरत है, न कि अमेरिकी को चीन के साथ।

7 दिन में 3 बार बढ़े टैरिफ

आपको बता दें कि अमेरिकी ने चीन पर बीते 7 दिनों में 3 बार टैरिफ को बढ़ा दिया। 2 अप्रैल से पहले चीन पर सिर्फ 20% का टैरिफ ही लगता था। लेकिन ट्रंप ने चीन पर 34% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया जिसके बाद चीन पर कुल मिलाकर 54% का टैरिफ लगने लगा।

टैरिफ वॉर की टाइम लाइन 

तारीख क्या हुआ
2 अप्रैल अमेरिका ने चीन पर 34% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया। इससे चीन पर कुल टैरिफ बढ़कर 54% हो गया।

4 अप्रैल चीन ने जबाव में अमेरिका पर 34% का टैरिफ लगाया

8 अप्रैल ट्रंप ने चीन को टैरिफ वापस लेने के लिए कहा और 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी।

9 अप्रैल ट्रंप ने चीन पर चीन पर कुल 125% का टैरिफ लगाया।

9 अप्रैल चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ 50% बढ़ाकर कुल 84% कर दिया

10 अप्रैल ट्रंप ने चीन पर कुल 145% टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसमें 20% का फेंटानिल टैरिफ भी शामिल है।

11 अप्रैल चीन ने अमेरिका पर टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया

15 अप्रैल अमेरिका ने चीन पर कुल 245% टैरिफ लगाने का ऐलान किया

(शेयर मंथन, 19 अप्रैल 2025)

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