जग्गी बंधुओं ने कंपनी के पैसों पर की अय्याशी, जानिये जेनसोल इंजीनियरिंग के घोटाले की पूरी कहानी

साल 2012 में दो लोगों अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी ने गुजरात के अहमदाबाद में एक कंपनी की शुरुआत की। नाम रखा गया जेनसोल इंजीनियरिंग। 2019 यानी कंपनी के शुरू होने के करीब 7 साल बाद कंपनी ने शेयर मार्केट के एमएसएमई सेग्मेंट में कदम रखा। सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी, प्रबंधन और निर्माण सेवाएँ देने वाली कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग आजकल सुर्खियों में है। आरोप है कि प्रवर्तकों ने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपनी अय्याशी और धोखाधड़ी के लिए किया। सेबी की कार्रवाई के बाद अब कंपनी बंद होने कगार पर है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा हुआ क्या और क्यों? 

क्या है मामला?

कंपनी प्रवर्तक और सह-संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी के ऊपर पैसों की हेराफेरी करने का आरोप है। उन्होंने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों, लग्जरी चीजों की खरीद और अय्याशी के लिए किया है।

कैसे हुआ खुलासा और क्या हैं आरोप?

पूरे गोरख धंधे का खुलासा सेबी की जाँच में हुआ। सेबी ने अपनी जाँच में पाया की कंपनी ने 2021 से 2024 के बीच आईआरईडीए और पीएफसी से 978 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इस रकम में से 664 करोड़ रुपये का इस्तेमाल 6400 ईवी गाड़ियों की खरीद में होना था। खरीद के बाद कंपनी ये सभी ईवी गाड़ियाँ ब्लूस्मार्ट को लीज पर देने वाली थी। इसके अलावा कंपनी 20% की अतिरिक्त इक्विटी भी देने के लिए तैयार थी। इस वजह से गाड़ियों की खरीद पर आने वाला कुल खर्च बढ़कर 830 करोड़ रुपये हो गया।

फिर फरवरी में कंपनी की ओर से एक बयान सामने आता है। इसमें कंपनी कहती है कि उसने अभी तक 6400 में से सिर्फ 4704 ईवी ही खरीदी है जिसका कुल खर्च 568 करोड़ रुपया आया है। यानी कंपनी ने 830 करोड़ रुपये में 568 करोड़ रुपये गाड़ियों की खरीद में खर्च कर दिये। अब बचे 262 करोड़ रुपये, लेकिन वो कहाँ है और उसका इस्तेमाल कहाँ हुआ इसका कंपनी के पास कोई जवाब नहीं है। ये आलम तब है जब कंपनी को कर्ज लिए हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।

सेबी मामले की जाँच करते हुए रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ के दरवाजे तक पहुँच गई। जहाँ से पूछताछ में पता चला कि इस रकम का इस्तेमाल उसके गुरुग्राम के एक लग्जरी प्रोजेक्ट में अपार्टमेंट खरीदने में हुआ है। सेबी ने अपनी जाँच में पाया कि अपार्टमेंट उस फर्म के नाम पर खरीदा गया है जिसमें कंपनी के को-फाउंडर और एमडी अनमोल सिंह जग्गी और उनके भाई पार्टनर थे। यानी अब मामला सीधा सीधा फंड डायवर्जन का हो गया।

लेकिन मामला सिर्फ यहीं पर नहीं रुका। सेबी ने अपनी जाँच में पाया कि जेनसोल ने 424 करोड़ रुपये वेलफ्रे सोलर इंडस्ट्रीज के नाम भी ट्रांसफर किया है। इसमें से भी 382 करोड़ रुपये किसी दूसरी कंपनी को भी दिया गया है। सेबी के मुताबिक इसमें से 246 करोड़ रुपये रिलेडेट पार्टियों को दिये गये जिसमें से अनमोल सिंह जग्गी को 25.76 करोड़ रुपये और पुनीत सिंह जग्गी को 13.55 करोड़ रुपये मिले।

सेबी ने जब अनमोल सिंह जग्गी के बैंक खाते और उसके स्टेटमेंट की जाँच की तो पाया कि ज्यादातर पैसा दूसरे रिलेटेड पार्टियों या फिर परिवार के सदस्यों को भेजा गया है, जिसका इस्तेमाल निजी खर्चों में हुआ है। सेबी ने जाँच में ये भी पाया कि अनमोल सिंह जग्गी ने 26 लाख रुपये सिर्फ एक गोल्फ सेट खरीदने पर खर्च कर दिए। वहीं 1.86 करोड़ रुपये से विदेशी मुद्रा भी खरीदी। साथ ही माँ जसमिंदर कौर को 6.2 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी मुग्धा कौर जग्गी को 2.99 करोड़ रुपये दिए। इतना ही नहीं टाइटन से 17.28 लाख रुपये की शॉपिंग की, डीएलएफ होम्स को 11.75 लाख रुपये और मेकमाई ट्रिप को 3 लाख रुपये का भुगतान भी निजी खर्चों के लिए किया गया।

सेबी ने पूरे मामले पर क्या कहा?

सेबी ने कहा कि जेनसोल एक लिमिटेड कंपनी है जिसमें कॉरपोरेट गवर्नेंस की पूरी तरह से धज्जियाँ उड़ाई गयी है। प्रोमोटर ने कंपनी की संपत्ति को न सिर्फ अपनी संपत्ति की तरह समझा बल्कि इस्तेमाल भी किया और कंपनी को तो उन्होंने पर्सनल पिग्गी बैंक की तरह इस्तेमाल किया। सेबी के आदेश के बाद कंपनी के दोनों को-फाउंडर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। सेबी ने इन दोनों को शेयर बाजार से भी प्रतिबंधित कर दिया है।

ऑडिट में सहयोग करेगी जेनसोल

जेनसोल इंजीनियरिंग ने अपने बयान में कहा है कि वो सेबी के चुने हुए ऑडिटर को सभी दस्तावेज और जानकारी देगी ताकी पूरा ऑडिट पारदर्शिता के साथ हो सके। कंपनी ने ये भी भरोसा दिया है कि वो सेबी की जाँच में हर तरीके से सहयोग करेगी।

बंद होगी ब्लूस्मार्ट?

पूरे मामले के बाद ब्लूस्मार्ट का भी बयान सामने आया है। इसमें कंपनी ने बताया है उसकी सभी सेवाएँ अस्थाई रूप से बंद कर दी गयी है। अनमोल सिंह जग्गी ने इस कंपनी की शरुआत साल 2019 में की थी। कंपनी के बयान के बाद भारत पे के फाउंडर अशनीर ग्रोवर का भी बयान सामने आया है। सोशल मीडिया पर लिखे अपने पोस्ट में अनीश ने कहा कि जग्गी भाइयों के कारण उन्हें भारी नुसकान हुआ है। अशनीर के मुताबिक उन्होंने ब्लूस्मार्ट में 1.50 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालाँकि उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि कंपनी जल्द ही सभी परेशानियों से बाहर आ जायेगी।

वहीं खबरें ये भी हैं कि जेनसोन इंजीनियरिंग में महेंद्र सिंह धोनी और दीपिका पादुकोण ने भी कुल मिलाकर 420 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

(शेयर मंथन, 19 अप्रैल 2025)

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