RBI Monetary Policy : लगातार चौथी बार रेपो रेट में बदलाव नहीं, महँगाई पर सतर्क रुख बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) शुक्रवार (06 अक्तूबर) को अपनी छमाही मौद्रिक नीति की बैठक (MPC) में लगातार चौथी बार रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रखने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने महँगाई पर सतर्क रुख बरकरार रखते हुए वित्त वर्ष 24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5% पर यथावत रखा है।

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया। इसके साथ ही उन्होंने अगस्त में अतिरिक्त तरलता को तंत्र से वापस लेने के मकसद से लागू इनक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो को भी वापस लेने की भी घोषणा की।

मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का झुकाव पूरी तरह से मुद्रास्फीति पर काबू पाने की कोशिशों पर केंद्रित नजर आया। चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 5.4% पर कायम रखा गया है। केंद्रीय बैंक की अगली समीक्षा बैठक 6-8 दिसंबर के बीच होगी।

दास ने कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति में नरमी आयी है, मगर ये अब भी कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लक्ष्य से ऊपर चल रही है। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का निर्णय बरकरार रखा है और मुद्रास्फीति को देखते हुए समय के हिसाब से फैसले लेने के लिए तैयार है। भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है।

एक अन्य सदस्य राजीव रंजन ने कहा कि वैश्विक खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच अल नीनो घटना के साथ अगले दो महीनों में असमान मानसून के जारी रहने के पूर्वानुमान ने खाद्य मूल्य दृष्टिकोण को अनिश्चित बना दिया।

(शेयर मंथन, 06 अक्तूबर 2023)