शेयर मंथन में खोजें

एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स

जब तक सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाता, तब तक पीएम को चैन से सोने नहीं देंगे: राहुल गांधी

संसद से सीधे भारत के परेशान और मजबूर किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को तब तक सोने नहीं देंगे, जब तक कि सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं कर दिया जाता है।


क्रोनी पूंजीवाद पर हमला करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी समेत देश के 15 शीर्ष उद्योगपतियों को दिये गये ऋणों पर नजर डाली है, लेकिन पीएम ने पिछले चार वर्षों में किसानों की समस्याओं को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है।
राहुल गाँधी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमने 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन दो राज्यों में, छह घंटों में ही अपने वचन को पूरा कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को तब तक सोने नहीं देंगे जब तक सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दोस्तों के कर्ज माफ कर दिये गये। राहुल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल अंबानी समेत 15 लोगों के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया। लेकिन किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ किया गया? उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ गरीबों और छोटे दुकानदारों का समूह है, तो दूसरी तरफ बड़े-बड़े पूँजीपतियों का समूह है। उन्होंने गरीबों और छोटे दुकानकारों को आश्वस्त किया कि कांग्रेस और अन्य सभी विपक्षी दल उनके साथ खड़े हैं।
नोटबंदी को दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार ने जनता, दुकानदारों और किसानों से चोरी की है। राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को दिये गये हलफनामे में "त्रुटि" पर सरकार के दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अभी और अधिक टाइपोज आ रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गये हलफनामे में सरकार ने दावा किया था कि राफेल मूल्य निर्धारण मुद्दे को सीएजी ने देखा है, जिसकी रिपोर्ट पर संसद की लोक लेखा समिति में भी चर्चा हो चुकी है। राहुल गाँधी ने कहा कि हम राफेल मुद्दे पर सरकार को जेपीसी के लिए मजबूर करेंगे। संसद में बहस से सरकार क्यों भाग रही है? (शेयर मंथन, 18 दिसंबर 2018)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • उम्मीदों और चुनौतियों के बीच आगामी आम बजट (दिसंबर 2024 अंक)

    आगामी बजट बनाते वित्त मंत्री के सामने कई चुनौतियाँ हैं और इन चुनौतियों के चलते ही लोगों के मन में कई तरह की उम्मीदें भी हैं। क्या यह बजट विकास को तेज कर सकेगा, क्या लोगों को महँगाई की मार से बचाने में मदद कर सकेगा और क्या लोगों को थोड़े ज्यादा पैसे बचा पाने में मदद करेगा?

  • निवेश मंथन निवेशक शिक्षा सम्मान (विशेषांक - दिसंबर 2024)

    म्यूचुअल फंड उद्योग को निवेशक शिक्षा (इन्वेस्टर एजुकेशन) गतिविधियों में लगाये गये श्रम और संसाधनों का सुफल दिखने लगा है। इस उद्योग के अधिकांश खिलाड़ियों को यह समझ में आने लगा है कि निवेशक शिक्षा कोई नाम मात्र के लिए करने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह उसके लिए एक मजबूत ग्राहक आधार तैयार करने की दिशा में काफी उपयोगी गतिविधि है।

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"