योगेश मेहता
संस्थापक, यील्ड मैक्सिमाइजर्स
बाजार का परिदृश्य सकारात्मक है। मूल्यांकन उचित स्तरों पर है और आर्थिक वृद्धि स्थिर है। पूँजीगत व्यय (कैपेक्स), कच्चे तेल में नरमी, नियंत्रित महँगाई और ब्याज दरें भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक पहलुओं में हैं। लेकिन यदि कोई वैश्विक अनिश्चितता बने या कंपनियों की आय (अर्निंग) को कोई झटका लगे तो बाजार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
चालू वित्त-वर्ष और उसके बाद 2024-25 में भी देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.5% पर रह सकती है। एक साल में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन वैश्विक बाजारों से तेज रह सकता है। सेंसेक्स का अगले छह महीनों में 72,000 और साल भर में 77,000 का बन रहा है। वहीं निफ्टी छह महीने में 20,000 के स्तर पर और एक साल में 21,000 तक पहुँच सकता है।
(शेयर मंथन, 10 जुलाई 2023)