सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों में 51,480 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 50,670 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में 69,020 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 67,400 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण आज सोने की कीमतों में नरमी दर्ज की गयी है लेकिन कोवड-19 के कारण मंदी से आर्थिक नुकसान को लेकर बढ़ते संदेह से कीमतों में गिरावट सीमित रही। निवेशकों को इस सप्ताह यूरोपीय सेंट्रल बैंक की बैठक के परिणाम का इंतजार है। सोने की हाजिर कीमतें 0.2% की गिरावट के साथ 1,925.68 डॉलर प्रति औसतन पर कारोबार कर रही थीं जबक सोना वायदा 1,934.60 डॉलर पर स्थिर रहा। डॉलर का सूचकांक अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले 0.2% बढ़ा, जिससे अन्य मुद्राओं के धरकों के लिए सोना अधिक महँगा हो गया। रायटर्स के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 27.19 मिलियन से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुये हैं और 8,88,326 लोगों की मौत हो गयी है।
जापान की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में शुरू में अनुमान से अधिक कम हो गयी है जबकि जर्मनी औद्योगिक उत्पादन जुलाई में उम्मीद से काफी कम हो गया, जिससे पता चलता है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पूर्व-महामारी स्तर पर धीमी गति से रिकवरी कर रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अधिक मुद्रास्फीति को सहन करने की नीति में बदलाव से डॉलर में वर्षों तक नरमी बनी रह सकती है और फ्रैंकफर्ट से टोक्यो तक नीति निर्माताओं को चुनौती देने वाले केंद्रीय बैंकिंग की भूमिका के बारे में कठिन सवाल उठायेंगे। (शेयर मंथन, 08 सितंबर 2020)
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