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बाजार नियामक सेबी (SEBI) द्वारा निवेशकों के लिए कुल व्यय अनुपात (Total Expense Ratio) या टीईआर घटाये जाने के बाद म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) ने अपनी ट्रेल कमीशन कम कर दी है।
मई में सेबी ने म्यूचुअल फंडों द्वारा वसूले जाने वाले अतिरिक्त व्ययों को 20 से घटा कर 5 आधार अंक कर दिया था। ट्रेल कमीशन, जिसका भुगतान फंड हाउसों द्वारा वितरकों को किया जाता है, 20 से घटा कर 15 आधार अंक कर दी गयी है। ट्रेल कमीशन का भुगतान निवेशक द्वारा निवेश निकाले जाने तक प्रत्येक वर्ष वितरक को किया जाता है। डीएसपी ब्लैकरॉक (DSP Blackrock) ने मई में अपने कर बचतकर्ता फंड के लिए शुल्क घटाने के बाद जून में इक्विटी योजनाओं के लिए कमीशन दर घटायी। वहीं जून में ही आईडीएफसी म्यूचुअल फंड (IDFC Mutual Fund) ने अपनी सभी योजनाओं पर वितरकों को दी जाने वाली कमीशन घटा कर 0.15% कर दी। इन दोनों फंडों सहित अब तक कुल 8 फंड हाउस ट्रेल कमीशन घटा चुके हैं, जबकि बाकी भी इसी प्रक्रिया में हैं।
बता दें कि एक निवेशक द्वारा म्यूचुअल फंड योजना में निवेश पर वहन की जाने वाली कुल लागत को टीईआर कहते हैं। फंड हाउस प्रबंधित संपत्तियों के प्रतिशत के रूप में रजिस्ट्रार शुल्क, फंड प्रबंधन शुल्क, वितरक कमीशन, विज्ञापन व्यय, और संरक्षक के शेयर जैसी लागतें निवेशकों से वसूलते हैं। पहले म्यूचुअल फंडों को योजना में आकलित निकास शुल्क (Exit Load) के बदले में म्यूचुअल फंड योजनाओं की कुल दैनिक संपत्ति के 0.20% तक अतिरिक्त व्यय वसूलने की अनुमति थी।
सेबी ने म्यूचुअल फंडों द्वारा बी15 शहरों (शीर्ष 15 शहरों से परे, जिनमें मुंबई (ठाणे और नवी मुंबई सहित), दिल्ली (एनसीआर-गुड़गांव), बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद, जयपुर, वड़ोदरा, चंडीगढ़, सूरत, कानपुर, लखनऊ और लुधियाना शामिल हैं) से निवेश के लिए 30 आधार अंकों तक का अतिरिक्त शुल्क वसूलने की समीक्षा की और इसे बी30 शहरों के लिए लागू कर दिया। अब अतिरिक्त 30 आधार अंक व्यय अनुपात पर दावा करने के लिए फंड हाउसों को बी15 शहरों के बजाय बी30 शहरों से अनुपातिक निवेश प्राप्त करना होगा। वर्तमान में, बी30 शहरों का इंडस्ट्री की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में बहुत छोटा हिस्सा है। (शेयर मंथन, 27 जून 2018)