म्यूचुअल फंड हाउसों ने जनवरी में घरेलू इक्विटी में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, यहाँ तक कि विदेशी निवेशकों ने 5,200 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया।
जानकारों का मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गयी बिकवाली ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों को एक अवसर प्रदान किया है। सेबी और डिपॉजिटरी के पास उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, फंड मैनेजरों ने पिछले महीने कुल शुद्ध आधार पर 7,160 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। दूसरी ओर, एफपीआई ने इक्विटी से 5,264 करोड़ रुपये निकाल लिए।
बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि फंड मैनेजरों द्वारा घरेलू इक्विटी में निवेश का श्रेय काफी हद तक खुदरा निवेशकों को दिया जा सकता है, जो व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के जरिए निवेश करना जारी रखते हैं। फंड हाउस का मानना है कि आने वाले महीनों में भी अपट्रेंड जारी रह सकता है, क्योंकि एसआईपी के जरिए बड़ी मात्रा में प्रवाह की उम्मीद है।
एसआईपी एक निवेश वाहन है, जो निवेशकों को एकमुश्त भुगतान के बजाय समय-समय पर छोटी राशि में निवेश करने की अनुमति देता है। निवेश की आवृत्ति आमतौर पर साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक होती है। यह एक आवर्ती जमा के समान है, जहां निवेशक हर महीने एक छोटी या निश्चित राशि जमा करते हैं। (शेयर मंथन, 06 फरवरी 2019)