आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने अपना नाम बदल कर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) कर लिया है।
बैंक का नया नाम 12 जनवरी से प्रभाव में आ चुका है। बैंक को इसके लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, चेन्नई से प्रमाण पत्र भी मिल गया है।
बता दें कि आईडीएफसी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट (Capital First) के विलय के बाद बैंक का नाम बदला गया है। 18 दिसंबर को बैंक और कैपिटल फर्स्ट ने विलय पूरा होने का ऐलान कर दिया था। बता दें कि दोनों कंपनियों के विलय की घोषणा 13 जनवरी 2018 को की गयी थी। योजना के तहत बैंक ने कंपनी के शेयरधारकों को 1,37,71,09,057 इक्विटी शेयर आवंटित किये। बैंक ने कैपिटल फर्स्ट, कैपिटल फर्स्ट होम फाइनेंस और कैपिटल फर्स्ट सिक्योरिटीज के स्वयं के साथ विलय की योजना के अनुसार कैपिटल फर्स्ट के योग्य शेयरधारकों को शेयर आवंटित किये।
आईडीएफसी बैंक के बोर्ड ने कैपिटल फर्स्ट के संस्थापक और चेयरमैन वी. वैद्यनाथन की नयी कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 88,000 करोड़ रुपये की एयूएम (प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों) के साथ ही 194 शाखाओं का नेटवर्क और 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं का आधार होगा।
बीएसई में आईडीएफसी बैंक का शेयर 46.60 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में 47.00 रुपये पर खुला। 47.35 रुपये का ऊपरी स्तर छूने के बाद पौने 12 बजे के करीब यह 0.30 रुपये या 0.64% की बढ़ोतरी के साथ 46.90 रुपये के भाव पर चल रहा है। वहीं पिछले 52 हफ्तों में बैंक का शेयर 70.35 रुपये तक चढ़ा और 32.70 रुपये के निचले भाव तक फिसला है। (शेयर मंथन, 14 जनवरी 2019)
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