बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा का कहना है कि जिस जल्दबाजी में इतने अधिक शेयर बेचे गये हैं, वह हैरान करने वाला है।
हालाँकि छोटे-छोटे टुकड़ों में वे 2016 से ही अपने शेयर बेचते रहे हैं, लेकिन 2019 के अंत और 2020 के आरंभ में उन्होंने एचडीबी फाइनेंशियल के 200 करोड़ रुपये के शेयर और एचडीएफसी के 156 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, और अब एचडीएफसी बैंक के 843 करोड़ रुपये जैसी बड़ी राशि के शेयरों की बिक्री उन्होंने की है। बालिका कहते हैं, 'इसलिए यह प्रश्न उठता है कि उन्हें ऐसी हड़बड़ी क्यों है, क्या कुछ ऐसा सामने आने वाला है जिससे हममें से अधिकांश लोग अब तक अनजान हैं?'
इनॉक वेंचर्स के एमडी एवं सीईओ विजय चोपड़ा ध्यान दिलाते हैं कि हाल में एचडीएफसी बैंक के काफी उच्च अधिकारियों ने इनसाइडर बिकवाली की है। हालाँकि जिस तरह की बड़ी राशि के शेयर आदित्य पुरी ने बेचे हैं, वैसी कोई बड़ी अन्य उच्च अधिकारियों के नहीं हैं। जहाँ आदित्य पुरी ने 74.2 लाख शेयर बेचे हैं, वहीं बीते करीब हफ्ते भर में अन्य अधिकारियों की बिक्री 1,000 शेयरों से लेकर 30,000 शेयरों की रही है।
विजय चोपड़ा का मानना है कि आदित्य पुरी की ओर से एचडीएफसी बैंक के शेयरों की बिक्री से इस शेयर में कुछ गिरावट स्वाभाविक रूप से आयेगी। इस तरह उच्च अधिकारियों की ओर से इनसाइडर बिकवाली बाजार को चिंतित करेगी, क्योंकि बाजार पहले ही कुछ महँगा हो चला है। बाजार का पीई मूल्यांकन 29 पर आ चुका है। बाजार में हाल की तेजी अधिक नकदी (लिक्विडिटी) के दम पर रही है, इसलिए कुछ गिरावट आना बाजार के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।
विजय चोपड़ा का मानना है कि बैंकों पर काफी दबाव रहने वाला है क्योंकि अगस्त की समय-सीमा के बाद उन्हें एनपीए की समस्या का सामना करना होगा। वे इसे और ज्यादा टाल नहीं सकेंगे। इसलिए बैंक शेयरों में कमजोरी आयेगी। (शेयर मंथन, 26 जुलाई 2020)
Add comment