
एचडीएफसी ने वित्त वर्ष 2022 में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के लोन को मंजूरी दी है।
कंपनी की ओर से यह अब तक की सबसे ज्यादा लोन मंजूरी है। लोन की यह मांग देशभर से आई थी। एचडीएफसी के प्रबंध निदेशक रेणु सूद कर्णाद ने जानकारी दी कि पिछले साढ़े चार दशक में हाउसिंग सेक्टर के लिए इससे बढ़िया समय नहीं देखा है। कम ब्याज दर और प्रॉपर्टी की स्थिर कीमतें, अफॉर्डेबल हाउसिंग पर सरकार का जोर, बढ़ता शहरीकरण और घर खरीदने की चाह के कारण ऐसा संभव हो सका है। आवासीय रियल एस्टेट सेगमेंट में मांग आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। घरों की मांग केवल रुके होने के कारण नहीं बल्कि नए मांग में बढ़ोतरी के कारण लगातार जारी रहने वाली है।पिछले एक साल में नए प्रोजेक्ट के बाजार में आने की गति कोरोना से पहले के स्तर के पार जा चुकी है।
घरों के खरीदारों में न केवल पहली बार घर खरीदने वाले हैं बल्कि छोटे घरों से बड़ों में शिफ्ट होने वाले भी इसमें शामिल हैं। मेट्रो के अलावा गैर मेट्रो शहरों में भी घरों की मांग में तेजी आई है। मांग अफॉर्डेबल सेगमेंट के अलावा ऊंची कीमतें वाले घरों की भी देखी जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा लोन 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए के रेंज में ली गई है। भारत में हाउसिंग सेक्टर के ग्रोथ में अफॉर्डेबल हाउसिंग की अहम भूमिका है। भारत में अफॉर्डेबल हाउसिंग की मांग काफी ज्यादा है।
कई डेवलपर्स अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करते नजर आए जिसमें वे अफॉर्डेबल सेगमेंट से मिड सेगमेंट में शामिल होते दिखे। वे उचित कीमत और उचित साइज के घर मुहैया करा रहे हैं। बिक्री में तेजी के साथ नए प्रोजेक्ट्स का बाजार में आना,हाउसिंग सेक्टर में बढ़िया ग्रोथ की तरफ इशारा कर रहे हैं।
एचडीएफसी के पास सबसे ज्यादा होम लोन के ग्राहक हैं जिनकी संख्या 2.7 लाख से अधिक है जिन्होंने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम का फायदा उठाया है। 31 दिसंबर 2021 तक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम यानी सीएलएसएस (CLSS) के तहत 45,914 करोड़ रुपए के लोन बांटे गए हैं। इसके तहत सब्सिडी की रकम करीब 6,264 करोड़ रुपए है। (शेयर मंथन, 23 मार्च 2022)
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