कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर पर आशंका के बीच विश्व स्तर पर आर्थिक अनुमान के कमजोर रहने से सुरक्षित निवेश की माँग के कारण सोने की कीमतों में लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त दर्ज की गयी।
लेकिन डॉलर के मजबूती और इक्विटी बाजारों में बढ़ोतरी ने सुरक्षित निवेश के लिए माँग को कम कर दिया। इस सप्ताह अब तक सोने की कीमतों में 1% से अधिक की वृद्धि हुई है, और कीमतें करीब आठ साल के उच्च स्तर 1,779.06 डॉलर के नजदीक हैं। मौजूदा कोविड-19 के दौरान वैश्विक स्तर पर कम ब्याज दरों के बीच सरकारों द्वारा की गयी स्टीमुलस राशि निश्चित रूप से सोने को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में मदद करती है। बैंक ऑफ जापान के गवर्नर हारुहिको कुरोदा ने कहा कि महामारी के दूसरे दौर के प्रभाव से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुँच सकता है। कम ब्याज दर और प्रोत्साहन उपायों से सोने को फायदा होता है, जिसे मुद्रास्पफीति और मुद्रा के कमजोर होने की स्थिति के खिलाफ हेज के रूप में देखा जाता है। साप्ताहिक बेरोजगार दावों की रिपोर्ट के अनुसार एक महीने से अधिक समय से लाखों लोगों की बेरोजगारी पर रोक लग सकती हैं, क्योंकि वायरस के कारण बंद हुई कई व्यवसाय फिर से शुरु हो गये है। अन्य आँकड़ों ने पता चलता है कि अर्थव्यवस्था महामंदी के बाद दूसरी तिमाही में अपनी सबसे तेज गति से धीमी होगी।
सोने की कीमतों में गिरावट को अभी भी निवेशकों द्वारा खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि सोने की कीमत में नवीनत कमजोरी अस्थायी है और निकट भविष्य में कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। ऑस्ट्रेलिया और कुछ अमेरिकी राज्यों के साथ-साथ लैटिन अमेरिका और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बुलियन उपभोक्ता भारत में कोरोना के संक्रमण में उछाल दर्ज की गयी है। ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग सात साल से अधिक के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है। इस हफ्ते के लिए सोने की कीमतें 47,400-48,500 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 47,000-49,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
जबकि कोमेक्स में पर सोना 1,760-1,810 डॉलर के दायरे में और चांदी की कीमतें 17.40- 18.60 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 29 जून 2020)
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