सर्राफा की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
कोरोनो वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिका में बेरोजगारी लाभ का दावा करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी सहित कमजोर आर्थिक आँकड़ों के कारण वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ जाने से जोखिम लेने का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है। कोरोनावायरस के प्रकोप ने वैश्विक स्तर पर 3.71 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित किया है, वैश्विक विकास को प्रभावित किया है और निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है। इस बीच निवेशकों की नजर में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार के घटनाक्रम हैं क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन कोविड-19 के प्रकोप से निपटने में चीन की लापरवाही पर बीजिंग के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर जोर दें रहा है।
एमसीएक्स में सोने की कीमतों में 45,500 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 46,800 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में 42,000 रुपये पर सहारा के साथ 44,500 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। अप्रैल में भारत में सोने का आयात वर्ष-दर-वर्ष 99.9% घटकर लगभग तीन दशकों में सबसे कम हो गया क्योंकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी बंद के बीच दुकानें बंद कर दी गयी हैं और हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बड़े केंद्रीय बैंक व्यवसायों और घरों को मदद करने के लिए सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट ऋण और उपभोक्ता ऋण की खरीदारी रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ टकसाल ने कहा है कि अप्रैल में इसकी सोने की बिक्री कम से कम आठ वर्षों में अपने उच्चतम स्तर तक पहुँच गयी क्योंकि कमी की आशंका ने निवेशकों को कोरोनो वायरस के आर्थिक झटके से उबरने के लिए स्टॉक जमा करने के लिए प्रेरित किया। टंम्प ने कहा है कि वह लगभग एक या दो सप्ताह में रिपोर्ट कर पायेंगे कि चीन पहले चरण व्यापार सौदे के तहत अपने दायित्वों को पूरा कर रहा है या नहीं, यहाँ तक कि उसका प्रशासन भी वायरस से निपटने के लिए बीजिंग की लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। (शेयर मंथन, 05 मई 2020)
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