कोरोना वायरस मामलों में उछाल और अमेरिका-चीन के बीच तनाव के कारण सुरक्षित निवेश रूप से माँग बढ़ने से पिछले हफ्ते सर्राफा की कीमतों में निचले स्तर से बढ़त दर्ज की गयी लेकिन डॉलर के मजबूत डॉलर के कारण बढ़त पर रोक लगी।
ईसीबी ने अपनी नीति को जारी रखा जिससे कुछ निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। केंद्रीय बैंक कुछ समय के लिए स्टीमुलस बनाये हुये हैं और अधिक स्टीमुलस की उम्मीद है लेकिन यह बहुत बाद में होने वाला है। हाल ही में सोने की कीमतों में मजबूती का जो ट्रेंड रहा है, वह थोड़ा बढ़ा है। कुछ निवेशक मुनाफा वसूली कर रहे हैं लेकिन मध्यम से लंबी अवधि में निवेशक अपनी पोजिशन को मजबूती से बनाये हुये हैं और वे किसी भी महत्वपूर्ण गिरावट पर खरीदारी करना चाहते हैं। बड़े पैमाने पर स्टीमुलस और कम ब्याज दरों के कारण सोने की कीमतों में इस वर्ष 19% की बढ़ोतरी हुई है लेकिन कारोबारी अभी भी मुद्रास्फीति को लेकर बंटे हुये है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड-19 मामलों में हालिया उछाल ने कैलिफोर्निया जैसे राज्यों को फिर से बंद करने के लिए मजबूर किया है, और व्यापार में अधिक नुकसान की आशंकाओं को जन्म दिया है। कम अमेरिकी ब्याज दरों के कारण नॉन-यील्डिंग बुलियन की माँग में बढ़ोतरी होती हैं।
सोने में तेजड़ियों की पकड़ बरकरार है और वास्तविक दरों के कम होने के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। बाजार की नजर वाशिंगटन और चीन के व्यापार संबंधें पर भी है, जिसमें वाशिंगटन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सभी सदस्यों और उनके परिवारों के संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। इस हफ्ते सोने की कीमतें 46,800-49,700 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 46,900-53,800 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। जबकि कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,780-1,820 डॉलर के दायरे में और चांदी की कीमतें 18.20-19.90 के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 20 जुलाई 2020)
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