सर्राफा की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी हैं और लगातार नौवें हफ्ते बढ़त दर्ज की है।
डॉलर के कमजोर होने, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट, वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के बढ़ते मामलों से आर्थिक गिरावट को लेकर चिंता से सर्राफा की माँग में बढ़ोतरी हुई। डॉलर इंडेक्स दो साल के निचले स्तर के करीब पहुँच गया है और इसमें लगातार सातवें हफ्ते गिरावट हुई है। डॉलर के कमजोर होने से अन्य मुद्राओं के धरकों के लिए सोना सस्ता हो जाता है। इस बात के मिले-जुले संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है और रिकवरी के कुछ संकेत अपेक्षाकृत सतही हैं क्योंकि कुल आँकड़ों से पता चलता हैं कि कैसे मध्यम और छोटे उद्यमों को नुकसान हो रहा है। इस वर्ष सोने की कीमतों में 35% से अधिक की वृद्धि हुई है क्योंकि यह एक ऐसा एसेट माना जाता है जिसका अपना स्टोर वैल्यू होता है जबकि केंद्रीय बैंकों द्वारा अधिक स्टीमुलस और महामारी से दूसरे एसेट की वैल्यू कम हो जाती है।
इस बीच, अमेरिकी कांग्रेस की एक और कोविड-19 सहायता पैकेज पर बातचीत अभी तक समाप्त नही हुई है, यहाँ तक कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर गतिरोध जारी रहता है तो वह कार्यकारी कार्रवाई करेगें। पिछला पैकेज 31 जुलाई को समाप्त हो गया और बिना किसी प्रकार की मदद के अमेरिकी आर्थिक रिकवरी से संदेह बढ़ सकता है, जिससे ब्याज दरों में और गिरावट आ सकती है। तकनीकी चार्ट के आधर पर, दोनों अब छोटी अवधि में ओवरबॉट हो रहे हैं, और तेजी के रुझान के बीच भारी अस्थिरता और वर्तमान में प्रतिदिन कीमतों में भारी वृद्धि के कारण गिरावट के पर्याप्त कारण हैं और आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट हो सकती है। कोविड-19 के टीकों पर कोई प्रगति है या नहीं, इस पर मुख्य ध्यान देने के साथ निकट अवधि में सोने की कीमतें 52,800-58,700 के दायरे में और चांदी की कीमतें 69,200-83,200 के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2020)
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