सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 48,100 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 47,600 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी की कीमतों में 69,500 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 68,700 रुपये पर सहारा रह सकता है।
कोविड-19 को लेकर लगातार चिंताओं के कारण आज सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी जबकि निवेशक इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आँकड़ों और फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की गवाही का इंतजार कर रहे है। सोने की हाजिर कीमतें 0.1% बढ़कर 1,809.34 डॉलर प्रति औसतन के नजदीक कारोबार कर रही हैं। अमेरिकी सोना वायदा 0.1% की गिरावट के साथ 1,809.3 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। बाजार की पैनी नजर मंगलवार को जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और बुधवार एवं गुरुवार को कांग्रेस के समक्ष पॉवेल के बयानों पर रहेगी ताकि केंद्रीय बैंक द्वारा नीति को कड़ा करने के संकेत मिल सकें। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने शुक्रवार को कहा था कि सामग्री की कमी और ‘काम पर रखने में कठिनाइयाँ’ महामारी से अमेरिकी आर्थिक सुधार को रोक रही हैं और मुद्रास्फीति में ‘क्षणिक’ बढ़ोतरी हो रही हैं। ईसीबी के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा है कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक अगली बैठक में अगले नीतिगत कदमों को लेकर मार्गदर्शन को बदल देगा जिससे उसकी नयी रणनीति का पता चलेगा। दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों ने शनिवार को चेतावनी दी कि नये कोरोना वायरस वेरिएंट में उतार-चढ़ाव और विकासशील देशों में टीकों की बेहतर पहुँच नहीं होने से वैश्विक आर्थिक सुधार को खतरा है।
भारत और अन्य प्रमुख केंद्रों में सोने की भौतिक माँग पिछले सप्ताह कमजोर हुई क्योंकि सोने की कीमत में वृद्धि के कारण उपभोक्ताओं की ओर से माँग कम हो गयी है, जबकि बुलियन के प्रीमियम में भी कमी आयी थी। अमेरिकी कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमिशन के आँकड़ों से पता चलता है कि 6 जुलाई को सप्ताह में सटोरियों ने कोमेक्स सोने और चांदी में अपनी शुद्ध लांग पोजिशन में बढ़ोतरी की है। चांदी की कीमतें 0.6% बढ़कर 26.23 डॉलर प्रति औसतन हो गयी। (शेयर मंथन, 12 जुलाई 2021)
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