कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 6,250-6,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मार्च में ब्याज दर में वृद्धि का संकेत देने के बाद, निवेशकों ने पिछले सत्र में 2% को बढ़त के बाद मुनाफा वसूली की जिससे आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई। फेड द्वारा मार्च में ब्याज दर में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर में उछाल के कारण वित्तीय बाजारों में व्यापक गिरावट के बीच तेल वायदा की कीमतों में गिरावट हुई। दुनिया के दुसरे सबसे बड़े तेल उत्पादक यूक्रेन और रूस के बीच तानव, जिससे यूरोप में नेचुरल गैस के बाधित होने की संभावना बढ़ गयी है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी। ओपेक प्लस जिसमें ओपेक और रूस जैसे अन्य सहयोगी शामिल हैं, माँग में रिकवरी होने के साथ ही 2020 में उत्पादन में कटौती में धीरे-धीरे कमी कर रहे है लेकिन कई छोटे उत्पादक आपूर्ति नहीं बढ़ा पा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता, संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल और गैसोलीन के भंडार में वृद्धि ने आपूर्ति के बारे में कुछ चिंताओं को कम कर दिया। एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने बुधवार को कहा है कि 24 जनवरी को समाप्त में कच्चे तेल का भंडार 2.4 मिलियन बैरल बढ़कर 416.2 मिलियन बैरल हो गयी, जबकि रॉयटर्स पोल के अनुसार 7,28,000 बैरल की गिरावट का अनुमान था। ईआईए के अनुसार गैसोलीन स्टॉक पिछले सप्ताह 1.3 मिलियन बैरल बढ़कर 247.9 मिलियन बैरल हो गया, जो फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक है।
नेचुरल गैस में नरमी रहने की संभावना है और कीमतों को 284 रुपये के स्तर पर सहारा और 296 रुपये स्तर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2022)