शेयर बाजार की नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
आज हुई सेबी की बोर्ड बैठक में खुदरा निवेशकों की शेयर बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) में खुदरा निवेशकों के लिए 10% हिस्सा सुरक्षित करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा सरकारी कंपनियों का विनिवेश अगले 3 साल में किया जायेगा। जिन कंपनियों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75% से ज्यादा है।
वहीं नॉन-प्रमोटर ओएफएस में अपनी हिस्सेदारी बेच सकेंगे। नॉन-प्रमोटर ओएफएस में 10% से ज्यादा हिस्सा होने पर ओएफएस के जरिये शेयर बेच सकते हैं। ओएफएस में शेयर बेचने वाला खुदरा निवेशकों को छूट दे सकता है। पिछले 1 साल में स्वीकृत किए गये बोनस शेयर भी ओएफएस के जरिये बेचे जा सकते हैं।
शीर्ष 100 की जगह अब शीर्ष 200 कंपनियाँ ओएफएस के जरिये शेयर बेच सकेंगी। अब किसी भी आईपीओ में कम से कम 25% या 400 करोड़ रुपये के शेयर बेचने होंगे।
(शेयर मंथन, 19 जून 2014)
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