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वित्त वर्ष की पहली छमाही में आईपीओ बाजार में कंपनियों ने दोगुने पूँजी अर्जित की : प्राइमडाटाबेस

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 40 भारतीय कंपनियों ने मेन बोर्ड आईपीओ से 51,365 करोड़ रुपये की पूँजी जुटायी है। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में आये 31 आईपीओ से अर्जित 26,311 करोड़ रुपये की पूँजी से 95% अधिक है। यह जानकारी प्राथमिक पूँजी बाजार पर आँकड़े जुटाने वाले प्राइमडाटाबेस की वेबसाइट से मिली है।

प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के मुताबिक, क्यूआईपी के माध्यम से जुटाये गये 66,225 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष की इसी अवधि में जुटाये गये 22,443 करोड़ रुपये से 195% अधिक) ने कुल सार्वजनिक इक्विटी फंडिंग में 1,56,947 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण हिस्सा जोड़ा, जो 2023-24 की पहली छमाही में जुटाये गये 77,744 करोड़ रुपये से 102% अधिक है।

मेन बोर्ड आईपीओ : वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सबसे बड़ा आईपीओ बजाज हाउसिंग फाइनेंस (6,560 करोड़ रुपये) का था। इसके बाद ओला इलेक्ट्रिक (6,146 करोड़ रुपये) और भारती हेक्साकॉम (4,275 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। दूसरी तरफ, सबसे छोटा आईपीओ क्रोनॉक्स लैब का था, जिसने महज 130 करोड़ रुपये जुटाये। औसत सौदे का आकार 1,284 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि में 849 करोड़ रुपये से अधिक था। कम से कम 40 में से 22 आईपीओ सिर्फ अगस्त और सितंबर के दो महीनों में आये। सबसे ज्यादा पूँजी हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र से जुटायी गयी, जो 9,560 करोड़ रुपये या इश्यू राशि का 19% था।

हल्दिया के अनुसार, नये दौर की तकनीकी कंपनियों (एनएटीसी) दो शांत वर्षों के बाद 5 आईपीओ (ऑफिस, डिजिट इंश्योरेंस, फर्स्टक्राई, इक्सिगो और यूनीकॉमर्स) के साथ वापसी की और 8424 करोड़ रुपये जुटाये।

प्राइमडाटाबेस डॉट कॉम के मुताबिक, कुल मिलाकर जनता की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही। 38 आईपीओ, जिनके आँकड़े अभी उपलब्ध हैं, उनमें से 35 आईपीओ को शानदार प्रतिक्रिया मिली ये 10 गुना तक (इनमें से 17 आईपीओ 50 गुना तक) अभिदान मिला, जबकि दो आईपीओ को तीन गुना से अधिक अभिदान मिला। बाकी बचे एक आईपीओ को एक से तीन गुना अभिदान प्राप्त हुआ।

इसकी तुलना में 2023-25 की पहली छमाही में खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया में जबरदस्त बढ़त देखने को मिली थी। 2023-24 की पहली छमाही में खुदरा आवेदनों की औसत संख्या दोगुनी से अधिक होकर 20.91 लाख हो गयी, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 9.67 लाख थी। खुदरा निवेशकों के सबसे अधिक आवेदन बजाज हाउसिंग फाइनेंस (58.66 लाख) को मिले, उसके बाद आर्केड डेवलपर्स (45.37 लाख) और नॉर्दर्न आर्क (45.13 लाख) का स्थान रहा।

खुदरा निवेशकों ने 1.58 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के लिए आवेदन किया, जो कुल आईपीओ से अर्जित पूँजी से 211% (2023-24 में अर्जित पूँजी की तुलना में 124% अधिक) अधिक है। यह इस अवधि में खुदरा निवेशकों के उत्साह के ऊँचे स्तर को दर्शाता है। हालाँकि, खुदरा क्षेत्र को कुल आवंटन केवल 11,976 करोड़ रुपये का था जो कुल आईपीओ से अर्जित राशि का 24% था (2023-24 में 25% से थोड़ा कम)।

हल्दिया के मुताबिक, मजबूत लिस्टिंग प्रदर्शन से आईपीओ को प्राप्त प्रतिक्रिया और बढ़ गयी। औसत लिस्टिंग मुनाफा (लिस्टिंग के दिन बंद भाव के आधार पर) 2023-24 की पहली छमाही में 28.65% की तुलना में बढ़कर 34.28% हो गया। अब तक सूचीबद्ध 38 आईपीओ में से, 30 ने 10% से ज्यादा का प्रतिफल दिया। बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने लिस्टिंग के दिन 136% का शानदार रिटर्न दिया, जिसके बाद यूनीकॉमर्स ईसॉल्यूशंस (94%) और प्रीमियर एनर्जीज (87%) का स्थान रहा। 38 में से 30 आईपीओ इश्यू मूल्य (30 सितंबर 2024 के बंद भाव) से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। 30 सितंबर 2024 तक 38 आईपीओ से औसत लाभ 41.80% रहा है।

हल्दिया के मुताबिक, निवेशकों के उत्साह का अनुमान इस तथ्य से लग सकता है कि सभी श्रेणियों में औसत अभिदान 53.72 गुना रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 31.25 गुना था। औसत खुदरा अभिदान 33.02 गुना रहा, जबकि पिछले साल यह 28.27 गुना था।

2024-25 की पहली छमाही में 84 कंपनियों ने सेबी के पास अपने पेशकश दस्तावेज मंजूरी के लिए पेश किये (जबकि 2023-24 की पहली छमाही में 40 कंपनियों ने)। दूसरी ओर इसी अवधि में, लगभग 7,500 करोड़ रुपये जुटाना चाह रहीं 3 कंपनियों ने अपनी मंजूरी समाप्त होने दी। वहीं, 13,450 करोड़ रुपये जुटाने की चाहत रखने वाली 4 कंपनियों ने अपने ऑफर दस्तावेज वापस ले लिए और सेबी ने 15,500 करोड़ रुपये जुटाने की चाहत रखने वाली 8 अन्य कंपनियों के ऑफर डॉक्यूमेंट वापस कर दिए।

2024-25 की दूसरी छमाही के लिए परिदृश्य

काफी बड़ी कतार है। 72,000 करोड़ रुपये जुटाने की पेशकश के लिए 26 कंपनियों को बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 55 कंपनियाँ 89,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी की मंजूरी (इन 81 कंपनियों में से 3 एनएटीसी हैं जो तकरीबन 13,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती हैं) का इंतजार कर रही हैं। हल्दिया के मुताबिक, अगर कोई अप्रत्याशित घटना नहीं होती है, तो आईपीओ के लिए यह रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाला साल होगा।

(शेयर मंथन, 03 अक्तूबर 2024) 

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