दिसंबर 2018 में एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) के जरिये म्यूचुअल फंड में 8,022 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
ऐम्फी (AMFI) के आँकड़ों के मुताबिक यह अब तक किसी एक महीने में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में आयी सर्वाधिक पूँजी है। इससे पहले 2018 के अक्टूबर और नवंबर दोनों महीनों में एसआईपी के माध्यम से 7,985 करोड़ रुपये का निवेश आया था। जानकार मानते हैं कि खुदरा निवेशकों का रुझान एसआईपी की ओर बना हुआ है।
एसआईपी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद दिसंबर में इक्विटी फंडों (इक्विटी संबंधित बचत योजनाओं सहित) में महीने दर महीने पर 21% कम 6,606 करोड़ रुपये की पूँजी आयी। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें उच्च बाजार अस्थिरता, कमजोर वैश्विक रुझान और निवेशकों का ईटीएफ (ETF) की तरफ झुकाव शामिल हैं।
इसके अलावा दिसंबर 2018 की समाप्ति पर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एयूएम (प्रबंधन अधीन संपदा) 22.85 लाख करोड़ रुपये की रही। कुल एयूएम नवंबर के मुकाबले 1.17 लाख करोड़ रुपये या 5% घट गयी है। इसके पीछे इक्विटी फंडों में निवेश का घटना और लिक्विड फंडों में हुई निकासी शामिल है।
दिसंबर 2018 में लिक्विड फंडों में से निवेशकों ने 1.49 लाख करोड़ रुपये निकाले। साथ ही डेब्ट फंडों में भी 3,401 करोड़ रुपये की पूँजी घटी। (शेयर मंथन, 09 जनवरी 2019)