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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सोलर इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर (Sterling and Wilson Solar) का शेयर सोमवार को 20% की गिरावट के साथ 321 रुपये पर बंद हुआ।
यह इसका 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। बीस अगस्त 2019 को इसके सूचीबद्ध होने के बाद पिछले तीन महीनों के दौरान इसके निवेशकों को अब तक 58.85% का घाटा हो चुका है।
स्टॉक एक्सचेंजों को 14 नवंबर 2019 को दिये गये अपने डिस्क्लोजर में कंपनी के प्रमोटरों ने यह माना था कि वे अगस्त में कंपनी के आईपीओ के वक्त इंटर-कॉरपोरेट लोन रीपेमेंट की प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर सके हैं। दरअसल उन्होंने कंपनी की लिस्टिंग के तीन महीने के भीतर 2563 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 250 करोड़ रुपये ही चुका सके हैं। इसीलिए 14 नवंबर के डिस्क्लोजर में इन्होंने 2341 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज को चुकता करने के लिए कंपनी के निदेशक मंडल से और वक्त माँगा था।
स्टर्लिंग ऐंड विल्सन का आईपीओ इश्यू 3,125 करोड़ रुपये का था, जबकि इश्यू में 775-780 रुपये का प्राइस बैंड (शेयरों की कीमत का दायरा) रखा गया था। बीएसई पर स्टर्लिंग ऐंड विल्सन के शेयर ने अपनी लिस्टिंग के दिन 20 अगस्त को अपने इश्यू प्राइस 780 रुपये के मुकाबले 700 रुपये पर शुरुआत की थी यानी इश्यू प्राइस के मुकाबले 10.25% की गिरावट के साथ सूचीबद्ध हुआ था। इसके बाद उस दिन यह ऊपर की ओर 755.50 रुपये और नीचे की ओर 691.00 रुपये तक गया था। अपनी लिस्टिंग के दिन यह 54.65 रुपये या 7% की गिरावट के साथ 725.35 रुपये पर बंद हुआ था। इसके बाद के सत्रों में यह लगातार नीचे की ओर फिसलता ही चला गया।
गौरतलब है कि स्टर्लिंग ऐंड विल्सन का कारोबार 26 देशों में फैला है। यह अपनी सहायक कंपनियों और शाखा दफ्तरों से वैश्विक स्तर पर संचालन करती है। यह शपूरजी पलोनजी समूह के 150 साल के इतिहास में इसकी किसी कंपनी का पहला आईपीओ था। (शेयर मंथन, 18 नवंबर 2019)
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