भारतीय बाजार के लिए महँगाई दर, ब्याज दरें अहम : हितेंद्र वासुदेव (Hitendra Vasudev)
भारतीय बाजार ने मार्च-अप्रैल 2014 में ऐतिहासिक रूप से नयी चाल पकड़ी है।
भारतीय बाजार ने मार्च-अप्रैल 2014 में ऐतिहासिक रूप से नयी चाल पकड़ी है।
धारणाओं में सुधार, महँगाई दर में कमी, कमोडिटी कीमतों में गिरावट, ब्याज दरों में बढ़त थम जाने और सरकार के प्रयासों की वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने लगी है।
बाजार में लंबी अवधि के लिए मेरा नजरिया सकारात्मक है, मगर इस समय सुधारों की कमी बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता है।
साल 2015 और अगले सालों में वैश्विक और भारतीय शेयर बाजार के लिए हमारी धारणा काफी मंदी की है।
बाजार के लिए मेरा नजरिया सकारात्मक है। हालाँकि महँगाई दर पर नियंत्रण, ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएँ हैं।