साल 2015 और अगले सालों में वैश्विक और भारतीय शेयर बाजार के लिए हमारी धारणा काफी मंदी की है।
हमें वैश्विक बाजारों में काफी मंदे दौर और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका है। आने वाले कई वर्षों के लिए इक्विटी (भारतीय शेयरों समेत) विश्व का सबसे खराब संपत्ति-वर्ग बन जायेगा। सबसे बड़ी चिंता यही है कि लंबी अवधि की वैश्विक आर्थिक मंदी और अपस्फीति (डिफ्लेशन) बहुत जल्दी शुरू हो सकती है, जो किसी भी स्थानीय कारक को बेअसर बना देगी और अगले कुछ सालों में पूरे विश्व में शेयर बाजारों में भयावह गिरावट देखने को मिलेगी। हालाँकि ऐसी वैश्विक मंदी शुरू होने से पहले छोटी अवधि के दौरान बिजली, बैंकिंग, बुनियादी ढाँचा और रेलवे शेयरों जैसे कुछ क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अमित गोयल, निदेशक, पेस ग्रुप (Amit Goyal, Director, Pace Group)
(शेयर मंथन, 03 जनवरी 2015)