भारतीय बाजार ने मार्च-अप्रैल 2014 में ऐतिहासिक रूप से नयी चाल पकड़ी है।
तेजी की यह नयी चाल अगले कई सालों तक चल सकती है, क्योंकि यह तेज चाल सालाना कैंडल चार्ट पर छह वर्षों के ठहराव (कंसोलिडेशन) के बाद बनी है। अगले छह महीनों में भारतीय बाजार के लिए महँगाई दर और ब्याज दरें सबसे अहम हैं। साल 2015 में निफ्टी ऊपर 10,272 पर शिखर बना सकता है, जबकि तलहटी 7,579 के पास हो सकती है। बैंक, ऑटो, वित्तीय और दवा क्षेत्र अच्छे लग रहे हैं, जबकि रियल एस्टेट में कमजोरी की संभावना है। हितेंद्र वासुदेव, तकनीकी विश्लेषक (Hitendra Vasudev, Technical Analyst)
(शेयर मंथन, 03 जनवरी 2015)