सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को पिछले दो महीने से 3,280 रुपये के नजदीक सहारा मिल रहा है।
इस हफ्ते कीमतों में 3,400-3,420 रुपये तक वृद्धि जारी रह सकती है। ऐसा लगता है कि मौजूदा सीजन में अधिक उत्पादन अनुमान का असर समाप्त हो गया है और कारोबारियों की नजर सोयामील के निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना से निचले स्तर पर खरीदारी पर है। ऐसा अनुमान है कि अगस्त में भारत का सोयामील निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुना होकर 1,00,000 टन से अधिक हो सकता है, क्योंकि यूरोपीय देशों से अधिक माँग हो रही है।
सरसों तेल और सरसों केक की कम माँग के बीच नकारात्मक पेराई मार्जिन और पेराई मिलों की ओर से सीमित खरीदारी के कारण सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 4,175-4,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मिलों को सरसों तेल के उत्पादन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए वे जरूरत के अनुसार ही खरीदारी कर रही हैं। सोया तेल वायदा की कीमतों में अप्रैल से ही नरमी का रुझान है, लेकिन अब लगता है कि सितंबर वायदा की कीमतों को 735 रुपये के स्तर पर सहारा मिल सकता है और 745 रुपये तक रिकवरी हो सकती है। सीबोट में जुलाई के अंत तक सोया तेल का स्टॉक बाजार अनुमानों से भी अधिक कम होकर 1.764 बिलियन पाउंड रह गया है, जो एक महीने पहले की तुलना में 2 मिलियन पाउंड कम है। इस आधर पर सीबोट में सोया तेल की कीमतों को 28 सेंट पर सहारा मिल सकता है।
सीबोट में सोया तेल की कीमतों में 1% की तेजी के रुझान पर सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों में 605 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। आयात शुल्क में बढ़ोतरी होने, रुपये के कमजोर होने और खरीदारों की क्रेडिट कम होने के कारण 2017-18 में भारत के पॉम ऑयल आयत में पिछले वर्ष की तुलना में 15% की गिरावट होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)
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