चना वायदा (सितंबर) की कीमतों में पिछले 5 हफ्ते से मजबूती देखी जा रही है और अब कीमतें 4,390 रुपये की बाधा को पार कर सकती हैं।
कारोबारियों एवं मिलों की ओर से अधिक खरीदारी के कारण कीमतें 4,450 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है, जिससे बेसन की माँग में बढ़ोतरी हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतें तीन हफ्ते के निचले स्तर 80.60 सेंट पर पहुँच गयी हैं, जिससे घरेलू बाजार में भी कपास की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। तुर्की के वितीय संकट और चीन एवं अमेरिका के बीच गहराते तनाव के कारण भी कीमतों पर दबाव रह सकता है। वर्तमान समय में, घरेलू बाजार में फसल नुकसान की बेहतर खबरों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में नकारात्मक खबरें अधिक हैं। इसलिये खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 23,100-23,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कम बुआई के कारण ग्वार समूह की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है। राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार 14 अगस्त तक राज्य में ग्वार की बुआई 27.31 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 28.26 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.3% कम है और पांच वर्षो के औसत 45.10 लाख हेक्टेयर की तुलना में भी कम है। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी ग्वार की कीमतों को मदद मिल रही है। 10 अगस्त को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी तेल रिगों की संख्या 10 बढ़ कर 869 हो गयी है। इसे देखते हुए कीमतों में किसी भी गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जाना चाहिए।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,700 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 10,100 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतें तीन हफ्ते के निचले स्तर 80.60 सेंट पर पहुँच गयी हैं, जिससे घरेलू बाजार में भी कपास की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। तुर्की के वितीय संकट और चीन एवं अमेरिका के बीच गहराते तनाव के कारण भी कीमतों पर दबाव रह सकता है। वर्तमान समय में, घरेलू बाजार में फसल नुकसान की बेहतर खबरों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में नकारात्मक खबरें अधिक हैं। इसलिये खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 23,100-23,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कम बुआई के कारण ग्वार समूह की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है। राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार 14 अगस्त तक राज्य में ग्वार की बुआई 27.31 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 28.26 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.3% कम है और पांच वर्षो के औसत 45.10 लाख हेक्टेयर की तुलना में भी कम है। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी ग्वार की कीमतों को मदद मिल रही है। 10 अगस्त को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी तेल रिगों की संख्या 10 बढ़ कर 869 हो गयी है। इसे देखते हुए कीमतों में किसी भी गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जाना चाहिए।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,700 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 10,100 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)
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