हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों में गिरावट पर रोक लग सकती है।
हल्दी की कीमतों को 6,900-6,860 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है। कम बारिश के कारण मौजूदा सीजन में कम उत्पादन अनुमान के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। कारोबारियों और किसानों के अनुसार यदि अगले 10 से 15 दिनों में बारिश नही होती है तो फसल को नुकसान होने की संभावना है। दूसरी ओर कारोबारियों का मानना है कि वर्तमान समय में लगभग 28 से 30 लाख बैग हल्दी का स्टॉक हो सकता है, जो नयी फसल की आवक होने तक के लिए पर्याप्त नहीं है, जिसके कारण आपूर्ति कम बनी रह सकती है, जबकि आगामी त्योहारी सीजन के दौरान माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त हल्दी की बिक्री का सीजन सितंबर में शुरू होगा और किसान अधिक कीमतों की उम्मीद से अपने स्टॉक को रोक कर रखे हुये हैं।
उधर जीरा वायदा (सितंबर) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतों को 20,100 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। अधिक कीमतों पर जीरे की माँग कम हो गयी है और किसानों की ओर से बिकवाली बढ़ गयी है, क्योंकि वे अधिक कीमतों पर अपना स्टॉक बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा लेना चाहते हैं। ऐसा अनुमान है कि ऊंझा मंडी में लगभग 300-350 लाख बैग जीरे का स्टॉक है। वर्तमान समय में जीरे की निर्यात माँग कम हो गयी है, इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी तभी संभव होगी जब विदेशों से माँग होगी।
इस बीच धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,820-4,920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मौजूदा बारिश के सीजन में धनिया की माँग कम हो गयी है और सितंबर के मध्य तक जारी रहने की संभावना है। इसलिए कीमतों के एक दायरे में बरकरार रहने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)
उधर जीरा वायदा (सितंबर) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतों को 20,100 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। अधिक कीमतों पर जीरे की माँग कम हो गयी है और किसानों की ओर से बिकवाली बढ़ गयी है, क्योंकि वे अधिक कीमतों पर अपना स्टॉक बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा लेना चाहते हैं। ऐसा अनुमान है कि ऊंझा मंडी में लगभग 300-350 लाख बैग जीरे का स्टॉक है। वर्तमान समय में जीरे की निर्यात माँग कम हो गयी है, इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी तभी संभव होगी जब विदेशों से माँग होगी।
इस बीच धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,820-4,920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मौजूदा बारिश के सीजन में धनिया की माँग कम हो गयी है और सितंबर के मध्य तक जारी रहने की संभावना है। इसलिए कीमतों के एक दायरे में बरकरार रहने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)
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