हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 6,500-6,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कारोबारियों को घरेलू ऑर्डर मिलने के कारण इरोद में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ दिनों से घरेलू ऑर्डर को पूरा करने के लिए कारोबारी सभी अच्छी और मध्यम क्वालिटी की हल्दी की खरीदारी कर रहे हैं। सभी बाजारों में फिंगर वेराइटी की कीमतों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन रूट वेराइटी की कीमतों में 250 रुपये की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों के 16,300 रुपये के बाधा स्तर को पार कर जाने की संभावना है और कीमतों में 16,600 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। पिछले हफ्ते कारोबारियों ने नयी फसल की अच्छी क्वालिटी की बेहतर माँग को देखते हुए अपनी पोजिशन में बढ़ोतरी की है। इस कारण अधिक आवक के बावजूद कीमतों में गिरावट नहीं हो रही है और बाजारों में बेहतर खरीदारी हो रही है। विदेशी खरीदारों की ओर से अधिक खरीदारी नहीं हो रही है, क्योंकि वे मई और जून में तुर्की और सीरिया से होने वाली नयी फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन घरेलू बाजार में उम्मीद है कि इन देशों में कम उत्पादन के कारण भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होगी और इस कारण कीमतों में तेजी आयेगी। तब तक घरेलू माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों को 7,050 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। ऐसा हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों द्वारा अच्छी क्वालिटी की धनिया की भारी खरीदारी के कारण हुआ। इसके अतिरिक्त निर्यात माँग के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2019)
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