कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक लगातार सातवें दिन गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट बढ़ने और खुदरा महँगाई दर बढ़ने से आरबीआई (RBI) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना बढ़ने से बाजार पर दबाव बढ़ा।
निफ्टी (Nifty) 6000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल कर बंद हुआ।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 88 अंक यानी 0.43% की गिरावट के साथ 20,194 पर बंद हुआ। निफ्टी 28 अंक यानी 0.47% गिर कर 5990 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.70% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.59% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.65% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में रियल्टी और एफएमसीजी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। निफ्टी 6000 के स्तर से नीचे खुला। हालाँकि जल्द ही यह इस स्तर से ऊपर पहुँचने में कामयाब रहा। शुरुआती कारोबार में बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार एक सीमित दायरे में घूमता नजर आया। हालाँकि दोपहर के कारोबार में बाजार में मजबूती आयी। इस दौरान बाजार का जोश बढ़ता चला गया। सेंसेक्स 20,366 और निफ्टी 6042 दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये, लेकिन बाजार ज्यादा देर तक अपनी मजबूती बरकरार नही रख पाया और बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। निफ्टी 6000 के स्तर से नीचे फिसल गया। इस दौरान सेंसेक्स 20,162 और निफ्टी 5972 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। कारोबार के आखिरी मिनटों तक बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में उतार-चढ़ाव के बाद गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 1.14% का घाटा हुआ। एफएमसीजी में 0.98%, आईटी में 0.65%, बैंकिंग में 0.62%, कैपिटल गुड्स में 0.59%, तेल-गैस में 0.57%, टीईसीके में 0.56%, पावर में 0.39% और हेल्थकेयर में 0.22% की गिरावट रही। दूसरी ओर, ऑटो में 0.47%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.22%, धातु में 0.19% और पीएसयू में 0.11% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2013)
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