कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
अक्टूबर माह के कमजोर आईआईपी (IIP) आँकड़ों और नवंबर माह के निराशाजनक खुदरा महँगाई आँकड़ों की वजह से बाजार पर दबाव बढ़ा। आरबीआई (RBI) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना बढ़ने से बाजार फिसला।
निफ्टी (Nifty) 6200 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ।
सेंसेक्स (Sensex) 210 अंक यानी 1.00% की गिरावट के साथ 20,716 पर रहा। निफ्टी 69 अंक यानी 1.10% गिर कर 6168 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 1.38% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.26% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.95% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में बैंकिंग और पावर क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में ही निफ्टी 6200 के स्तर से नीचे चला गया। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। मजबूत यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार की गिरावट बढ़ी। दिन भर बाजार एक बेहद सीमित दायरे में घूमता रहा। कारोबार के आखिरी मिनटों में बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान सेंसेक्स 20,693 और निफ्टी 6161 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज बैंकिंग क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.25% का घाटा हुआ। पावर में 2.22%, रियल्टी में 2.10%, कैपिटल गुड्स में 1.86% और तेल-गैस में 1.10% की गिरावट रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.93%, एफएमसीजी में 0.67%, धातु में 0.63%, हेल्थकेयर में 0.48%, टीईसीके में 0.19% और ऑटो में 0.16 की कमजोरी रही। आईटी बिना किसी बदलाव के सपाट रहा। (शेयर मंथन, 13 दिसंबर 2013)
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